वाशिंगटन, नौ जुलाई (एपी) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को सात छोटे अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों को शुल्क पत्र भेजे और अन्य देशों पर आयात कर की घोषणा बाद में करने का वादा किया।
जिन देशों के लिए शुल्क पत्र भेजे गये हैं उनमें से कोई भी अमेरिका का बड़ा औद्योगिक प्रतिद्वंद्वी नहीं है। ये देश फिलीपीन, ब्रुनेई, मॉल्डोवा, अल्जीरिया, लीबिया, इराक और श्रीलंका हैं।
यह इस बात का संकेत है कि खुले तौर पर ‘शुल्क’ (टैरिफ) शब्द के प्रति अपने लगाव का इजहार करने वाले एक राष्ट्रपति अब भी इस विचार से मोहित हैं कि व्यापार पर कर लगाने से अमेरिका में समृद्धि आएगी।
अधिकतर आर्थिक विश्लेषणों में कहा गया है कि शुल्क से मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा और आर्थिक विकास में कमी आएगी, लेकिन ट्रंप ने करों का उपयोग प्रतिद्वंद्वियों और सहयोगियों दोनों पर अमेरिका की कूटनीतिक और वित्तीय शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए किया है।
उनका प्रशासन वादा कर रहा है कि आयात पर कर लगाने से व्यापार असंतुलन कम होगा, शुक्रवार को उनके द्वारा हस्ताक्षरित कानून से कर कटौती लागत में से कुछ की भरपाई होगी तथा अमेरिका में कारखानों में नौकरियों की वापसी होगी।
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राजकुमार वैभव
वैभव