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Thursday, July 10, 2025

“रसुवा जिले में बाढ़ का कहर: विदेशी नागरिकों समेत 150 लोगों का रेस्क्यू”

Fast News"रसुवा जिले में बाढ़ का कहर: विदेशी नागरिकों समेत 150 लोगों का रेस्क्यू"

काठमांडू, 10 जुलाई (भाषा) नेपाल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के लिए बृहस्पतिवार को बचाव कार्य जारी है। मीडिया में आयी खबरों में यह जानकारी दी गयी है।

नेपाल के रसुवा जिले में मानसून की बारिश के कारण एक नदी में बाढ़ आ जाने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई तथा करीब 20 अन्य लापता हो गए।

काठमांडू पोस्ट अखबार ने रसुवा के मुख्य जिला अधिकारी अर्जुन पौडेल के हवाले से कहा, ‘‘हम पूरी तरह से तैनात हैं। हमने 127 विदेशी नागरिकों सहित 150 से ज़्यादा लोगों को बचाया और उन्हें हवाई मार्ग से काठमांडू पहुंचाया।’’

पौडेल ने कहा कि इलाके में बिजली और टेलीफोन सेवाएं बाधित होने से बचाव और अन्य अभियान बाधित हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम फिलहाल चीनी सीमा के माध्यम से सीमित संचार बनाए हुए हैं। टेलीफोन संपर्क बहाल करने और बिजली आपूर्ति फिर से शुरू करने के प्रयास जारी हैं।’’

नेपाल पुलिस ने बताया कि मंगलवार सुबह आई बाढ़ के बाद लापता हुए 19 लोगों की तलाश जारी है। लापता लोगों में छह चीनी नागरिक और दो पुलिसकर्मी शामिल हैं।

काठमांडू से 120 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित रसुवा ज़िले के कुछ हिस्सों में आई अचानक बाढ़ में देश को चीन से जोड़ने वाले ‘‘फ्रेंडशिप ब्रिज’’ भी बह गया।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ में रसुवागढ़ी जलविद्युत संयंत्र और नेपाल-चीन सीमा के पास स्थित ‘ड्राई पोर्ट’ के कुछ हिस्से भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

हिमालयन टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अचानक आई बाढ़ में मारे गए नौ लोगों में से आठ के शवों को महाराजगंज में त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए काठमांडू लाया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ितों में से एक की पहचान कर ली गई है और शव उसके परिवार को सौंप दिया गया है।

राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरआरएमए) के महानिदेशक दिनेश भट्टा ने बताया कि यह बाढ़ नेपाल-चीन सीमा के पास स्थित एक हिमनद झील का तटबंध टूटने के कारण आई होगी, क्योंकि उस समय सीमा के दोनों ओर अत्यधिक वर्षा नहीं हुई थी।

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हालांकि, हम विशेषज्ञों की मदद से आपदा के वास्तविक कारण का अध्ययन कर रहे हैं। पर्याप्त वर्षा के बिना भी जल स्तर 3.5 मीटर तक बढ़ गया, जो असामान्य है।’’

भाषा गोला मनीषा

मनीषा

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