मुंबई, 10 जुलाई (भाषा) केनरा बैंक ने मुंबई उच्च न्यायालय से बृहस्पतिवार को कहा कि उसने उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़ी एक कंपनी के ऋण खाते को ‘धोखाधड़ी’ वाला खाता घोषित करने का अपना आदेश वापस ले लिया है।
बैंक के यह जानकारी देने के बाद न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने बैंक के आदेश को चुनौती देने वाली अनिल अंबानी की याचिका का निपटान करते हुए कहा कि इसमें अब कुछ भी गौर करने के लिए नहीं बचा है।
पीठ ने कहा कि आदेश वापस लेने की सूचना भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को दी जाएगी।
यह ऋण खाता अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस से संबंधित है, जो दिवाला कार्यवाही से गुजर रही है।
बैंक ने आठ नवंबर 2024 को ऋण खाते को ‘धोखाधड़ी’ वाले खाते के रूप में वर्गीकृत किया था। बैंक ने इसके लिए कई कारणों का उल्लेख किया था। इसमें एक कारण यह भी था कि 2017 में दिया गया 1,050 करोड़ रुपये का ऋण समूह की किसी कंपनी को ‘स्थानांतरित’ किया गया ताकि उससे जुड़े या संबंधित पक्षों को अन्य देनदारियों का भुगतान किया जा सके।
यह आदेश धोखाधड़ी वाले खातों से संबंधित आरबीआई के परिपत्र पर आधारित था, जिसमें ऐसी घोषणाओं के लिए दिशानिर्देश दिए गए थे।
इस साल फरवरी में उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई लंबित रहने तक बैंक के आदेश पर रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय ने उस समय सवाल उठाया था कि क्या आरबीआई उन बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिन्होंने बार-बार उसके परिपत्र और उच्चतम न्यायालय के फैसले की अवहेलना की है जिसमें कहा गया है कि उधारकर्ताओं को उनके खातों को ‘धोखाधड़ी’ वाला घोषित करने से पहले सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए।
अंबानी ने केनरा बैंक के आदेश को चुनौती देते हुए तर्क दिया था कि उनके ऋण खाते को ‘धोखाधड़ी’ वाला खाता घोषित करने से पहले उन्हें सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया।
भाषा निहारिका रमण
रमण