नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय का एक दल प्रस्तावित व्यापार समझौते के लिए अमेरिका के साथ एक और दौर की वार्ता के लिए जल्द ही वॉशिंगटन की यात्रा करेगा। इसका मकसद कृषि और मोटर वाहन जैसे क्षेत्रों में मतभेदों को दूर करना है। एक सरकारी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के अंतरिम या पहले चरण को अलग-अलग नहीं देख रहे हैं। हम एक पूर्ण समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। …हम इसे अंतरिम समझौते के रूप में पेश कर सकते हैं और अन्य मुद्दों पर बातचीत जारी रहेगी।’’
यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि दल के अगले सप्ताह वॉशिंगटन जाने की उम्मीद है।
नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम इस समझौते पर अमेरिका के साथ भौतिक और ऑनलाइन दोनों तरीके से जुड़े हुए हैं।’’
प्रस्तावित अंतरिम समझौते की समयसीमा पर अधिकारी ने कहा, ‘‘ अभी इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।’’
मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय दल समझौते पर वार्ता पूरी करने के बाद इस महीने की शुरुआत में ही वॉशिंगटन से लौटा है। दल ने 26 जून से दो जुलाई के बीच वॉशिंगटन में व्यापार समझौते पर बैठकें की थीं।
कृषि और दुग्ध उत्पादों पर शुल्क में रियायत की अमेरिकी मांग पर भारत ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। दुग्ध क्षेत्र में मुक्त व्यापार समझौते में भारत ने अबतक अपने किसी भी व्यापारिक साझेदार को कोई शुल्क रियायत नहीं दी है।
यह यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका ने अतिरिक्त आयात शुल्क (भारत के मामले में यह 26 प्रतिशत है) को एक अगस्त तक के लिए टाल दिया है।
भारत, इस्पात तथा एल्युमीनियम (50 प्रतिशत) और मोटर वाहन (25 प्रतिशत) क्षेत्रों पर शुल्क में ढील की भी मांग कर रहा है। भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के तहत इनके विरुद्ध जवाबी शुल्क लगाने का अपना अधिकार भी सुरक्षित रखा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि भारत समयसीमा के आधार पर कोई व्यापार समझौता नहीं करता है और वह अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को तभी स्वीकार करेगा जब वह पूरी तरह से अंतिम रूप ले लेगा, उचित रूप से संपन्न हो जाएगा और राष्ट्रीय हित में होगा।
भाषा निहारिका अजय
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