ईटानगर, 11 जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के टी परनाइक ने शुक्रवार को महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से ‘मेड इन अरुणाचल’ आंदोलन की अग्रदूत बनने और स्थानीय रूप से तैयार अपने उत्पादों को ‘लोकल टू ग्लोबल’ (स्थानीय से वैश्विक) बनाने की अपील की।
एक सरकारी बयान के अनुसार यहां राजभवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राज्य भर के 22 जिलों के 69 स्वयं सहायता समूह शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परनाइक ने ईटानगर, जिरो, तेजू, पासीघाट, नामसाई, आलो, बोमडिला और तवांग जैसे प्रमुख शहरों में समर्पित स्वयं सहायता समूह उत्पाद विपणन केंद्रों की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘सरकार बुनियादी ढांचा प्रदान कर सकती है, लेकिन नेतृत्व स्वयं सहायता समूहों को ही करना चाहिए। ये केंद्र जीवंत स्वयं सहायता समूह बाजार बनने चाहिए, जो हमारी ग्रामीण महिलाओं की रचनात्मकता और शक्ति का प्रतिबिंब बनें।’’
राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूहों से परंपरा से जुड़े रहते हुए नवाचार को अपनाने का आह्वान किया।
उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने सदस्यों से अपने उद्यमों को पंजीकृत करने, सामूहिक ब्रांड बनाने और देश भर में प्रदर्शनियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने उन्हें निरंतर सहयोग का भी आश्वासन दिया।
दो करोड़ ‘लखपति दीदी’ को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को दोहराते हुए राज्यपाल ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश के स्वयं सहायता समूह इस बात का जीवंत प्रमाण हैं कि यह परिवर्तन वास्तविक है, महिलाएं सम्मान के साथ धन का सृजन कर रही हैं, जमीनी स्तर से आर्थिक परिवर्तन ला रही हैं और ‘विकसित अरुणाचल’ तथा विकसित भारत की नींव रख रही हैं।’’
भाषा शफीक राजकुमार
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