पुणे, 11 जुलाई (भाषा) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर पर उनकी टिप्पणियों से जुड़े मानहानि मामले में शुक्रवार को पुणे की एक अदालत में खुद को निर्दोष बताया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) और विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए अदालत) अमोल श्रीराम शिंदे ने वी डी सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर द्वारा लगाए गए आरोप को पढ़ा। इस पर गांधी ने अपने वकील मिलिंद पवार के माध्यम से खुद के निर्दोष होने की दलील दी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी अदालत में उपस्थित नहीं थे और उनके वकील पवार ने अदालत के समक्ष उनकी ओर से उन्हें (गांधी) निर्दोष बताया।
न्यायाधीश ने पूछा कि क्या आरोपी को शिकायत और उससे संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां प्राप्त हुई हैं, जिस पर पवार ने कहा कि ‘हां।’
दूसरे प्रश्न पर कि क्या अभियुक्त ने अपने विरुद्ध लगाए गए अपराध के विवरण को समझ लिया है, बचाव पक्ष के वकील ने ‘हां’ में उत्तर दिया।
तीसरे और अंतिम प्रश्न पर, कि ‘‘क्या आप दोषी मानते हैं’’, पवार ने गांधी की ओर से उत्तर दिया ‘‘नहीं, मैं खुद को दोषी नहीं मानता’’।
सत्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता संग्राम कोल्हटकर ने कहा कि चूंकि आरोपी की दलीलों को दर्ज करने का चरण अब समाप्त हो गया है, इसलिए अब मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी।
सत्यकी सावरकर ने अप्रैल 2023 में यहां एक अदालत का दरवाजा खटखटाया था और गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत की थी, जिसमें उन पर मार्च 2023 में लंदन में अपने संबोधन के दौरान हिंदुत्व विचारक के खिलाफ झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया गया था।
सत्यकी सावरकर की शिकायत के अनुसार, वी डी सावरकर के बारे में गांधी का बयान झूठा, दुर्भावनापूर्ण था और उनका अपमान करने के उद्देश्य से था।
पवार ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में दलीलों को दर्ज किया जाना था। आज, मैंने अदालत में एक आवेदन प्रस्तुत किया कि मेरे मुवक्किल की ओर से दलील दर्ज कराने की अनुमति दी जाए। अदालत ने आवेदन स्वीकार कर लिया।
उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार, न्यायाधीश ने गांधी के खिलाफ लंदन में दिए गए उनके विवादित भाषण से संबंधित आरोप पढ़े, जिस पर बचाव पक्ष के वकील ने खुद को निर्दोष बताया।
पवार ने बताया कि अगली सुनवाई 29 जुलाई को निर्धारित की गई है।
सत्यकी सावरकर की ओर से पेश हुए अधिवक्ता कोल्हटकर ने कहा कि आरोपी की याचिका दर्ज करने में हुई देरी को देखते हुए अदालत ने बचाव पक्ष को याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया।
कोल्हटकर ने बताया, ‘‘चूंकि गांधी को मुकदमे में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से स्थायी छूट दी गई है, इसलिए उनके वकील ने गांधी की ओर से निर्दोष होने की दलील दी है। दलीलें दर्ज करने का चरण समाप्त हो गया है और अब मामले की सुनवाई शुरू होगी। शिकायतकर्ता की ओर से हम अपने गवाह और सबूत पेश करेंगे। बचाव पक्ष को उनसे जिरह करने का मौका मिलेगा।’’
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव