नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शुक्रवार को मिजोरम में प्रतिबंधित हथियारों और गोला-बारूद के एक बड़े जखीरे की जब्ती से संबंधित मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। संघीय एजेंसी के मुताबिक जब्त हथियार एक बांग्लादेशी उग्रवादी समूह को भेजे जाने थे।
एजेंसी ने बताया कि आइजोल की एक अदालत के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में लालबियाकचुंगा उर्फ डिविड उर्फ डेविड, लालथौमचेउवा उर्फ थावमा, मालसावमा उर्फ मालसावमा लोन्चेउ, रुआलियनसंगा उर्फ सांगा और आलोक बिकाश चकमा को नामजद किया गया है।
एनआईए द्वारा जारी बयान के मुताबिक आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता 2023, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967, शस्त्र अधिनियम, 1959 और विदेशी अधिनियम, 1946 की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं।
एनआईए 15 जनवरी, 2025 को मिजोरम पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले के आधार पर अपनी कार्रवाई कर रही है।
एनआईए ने दो महीने बाद मामले को अपने हाथ में लिया और पुनः मामला दर्ज किया। जांच में आरोपियों द्वारा बांग्लादेश के चटगांव क्षेत्र में सक्रिय यूपीडीएफ (यूनाइटेड पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट) उग्रवादी संगठन के सशस्त्र कैडरों को प्रतिबंधित हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने की आपराधिक साजिश का पर्दाफाश हुआ था।
जांच एजेंसी ने कहा कि मिजोरम के मामित जिले के सैथा गांव से जब्त किए गए हथियारों में छह एके 47 राइफल, 13 मैगजीन और 10,050 कारतूस शामिल हैं। मामले की जांच जारी है।
भाषा धीरज वैभव
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