नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रोजगार सृजन को लेकर अपनी सरकार की योजनाओं पर जोर देते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश ने हर क्षेत्र में प्रगति की है।
मोदी ने 51,000 से ज्यादा नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद एक कार्यक्रम को डिजिटल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि गरीबों के लिए चार करोड़ से अधिक घर बनाना, 10 करोड़ से ज्यादा एलपीजी के नए कनेक्शन वितरित करना या घरों की छत पर सोलर पैनल लगाना जैसी उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं ने रोजगार के लाखों नए अवसर सृजित किए हैं तथा इसी तरह कई अन्य योजनाओं से विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि हुई है।
मोदी ने पांच देशों के हालिया दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि अब पूरी दुनिया भारत की जनसांख्यिकी और लोकतंत्र की ताकत को पहचान रही है।
उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं की ताकत इसकी सबसे बड़ी पूंजी और देश के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।
मोदी ने कहा, “आज दुनिया मान रही है कि भारत के पास दो असीमित शक्तियां हैं। एक जनसांख्यिकी, दूसरा लोकतंत्र। यानी सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़ा लोकतंत्र।”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनके दौरे के दौरान जितने भी समझौते हुए हैं, उनसे देश और विदेश दोनों जगह भारत के नौजवानों को फायदा होना ही है।
उन्होंने कहा कि रक्षा, फार्मा, डिजिटल प्रौद्योगिरी, उर्जी, दुर्लभ खनिज जैसे क्षेत्रों में हुए समझौतों से भारत को आने वाले दिनों में बहुत बड़ा फायदा होगा।
मोदी ने कहा, “ये योजनाएं न केवल भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को मजबूत करेंगी बल्कि विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में युवाओं के लिए सार्थक अवसर भी सृजित करेंगी।”
प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का जिक्र करते हुए कहा कि अगर रोजगार और आय के स्रोत नहीं होते तो ऐसा नहीं हो पाता।
उन्होंने कहा कि इन गरीब लोगों का जीवन पहले बेहद कठिन था और उन्हें मौत का डर सताता था लेकिन वे अब इतने सशक्त हो गए हैं कि उन्होंने गरीबी को हरा दिया।
मोदी ने ‘इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन’ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि बीते दशक में भारत के 90 करोड़ से अधिक नागरिकों को वेलफेयर स्कीम्स के दायरे में लाया गया है।
उन्होंने अपनी सरकार के जनहितैषी प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि गिनी सूचकांक के आधार पर भारत सर्वोच्च समानता वाले देशों में से एक है।
मोदी ने कहा कि विनिर्माण को बढ़ावा देने पर उनकी सरकार का ध्यान रंग लाया है।
उन्होंने कहा कि 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पांच गुना से अधिक बढ़ गया है और मोबाइल विनिर्माण इकाइयों की संख्या पूर्व में दो से चार की तुलना में बढ़कर लगभग 300 हो गई है।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान दिखाई गई भारत की स्वदेशी सैन्य क्षमता का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद रक्षा विनिर्माण पर गर्व से चर्चा हो रही है।
उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
मोदी ने कहा कि भारत अब तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत दुनिया में सबसे ज्यादा लोकोमोटिव बनाने वाला देश बन गया है। लोकोमोटिव हो, रेल कोच हो, मेट्रो कोच हो,आज भारत इनका बड़ी संख्या में दुनिया के कई देशों में निर्यात कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में केवल पांच वर्षों में 40 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है, जिसके परिणामस्वरूप नए कारखाने, नए रोजगार के अवसर और वाहनों की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। मोदी ने ‘एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम’ का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार रोजगार के नए अवसर सृजित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी शुरू करने वाले लोगों को 15,000 रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पहली नौकरी की पहली तनख्वाह में सरकार अपना योगदान देगी, जिसके लिए सरकार ने करीब एक लाख करोड़ रुपए का बजट बनाया है।
मोदी ने कहा कि इस योजना से लगभग साढ़े तीन करोड़ नए रोजगार के सृजन में मदद मिलेगी।
उन्होंने राष्ट्रीय विकास को गति देने, रोजगार सृजन करने और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा को गति देने में देश के विनिर्माण क्षेत्र की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया।
सरकार के रोजगार मेले के तहत नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। एक बयान के मुताबिक, रोजगार मेला युवाओं के सशक्तीकरण और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
रोजगार मेलों में अब तक 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं।
भाषा जितेंद्र रंजन
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