बेंगलुरु, 12 जुलाई (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि उसने ‘योग्यता परीक्षण कार्यक्रम’(क्वालिफिकेशन टेस्ट प्रोग्राम) पूरा करने के साथ ही गगनयान मिशन के लिए ‘सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम’ (एसएमपीएस) को सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है।
एसएमपीएस के एकीकृत प्रदर्शन को मान्य करने के लिए 350 सेकंड के लिए एसएमपीएस का पूर्ण अवधि का ‘हॉट परीक्षण’ आयोजित किया गया। वास्तविक परिस्थिति में किया जाने वाला यह परीक्षण शुक्रवार को सर्विस मॉड्यूल आधारित मिशन निरस्तीकरण की ‘फ्लाइट ऑफ-नॉमिनल मिशन प्रोफाइल’ के लिए किया गया।
‘फ्लाइट ऑफ-नॉमिनल मिशन प्रोफाइल’ का संबंध किसी विमान के उड़ान पथ और उसकी अन्य गतिविधियों से है। गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान मिशन है।
इसरो ने एक बयान में कहा, “परीक्षण के दौरान प्रणोदन प्रणाली का समग्र प्रदर्शन पूर्व-परीक्षण पूर्वानुमानों के अनुसार सामान्य था।”
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, “गगनयान का सर्विस मॉड्यूल (एसएम) एक विनियमित द्वि-प्रणोदक आधारित प्रणोदन प्रणाली है जो आरोहण चरण के दौरान कक्षा वृत्तीकरण, ऑन-ऑर्बिट नियंत्रण, डी-बूस्ट संचालन और सर्विस मॉड्यूल आधारित निरस्तीकरण के लिए कक्षीय मॉड्यूल की आवश्यकताओं को पूरा करता है।”
इसमें कहा गया है कि तरल एपोजी मोटर (एलएएम) इंजन कक्षा वृत्तीकरण और डी-बूस्ट चरणों के दौरान मुख्य प्रणोदक बल प्रदान करते हैं, जबकि प्रतिक्रियात्मक नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) थ्रस्टर्स सटीक रवैया नियंत्रण सुनिश्चित करते हैं। कक्षा वृत्तीकरण अंतरिक्ष में किसी वस्तु के प्रक्षेप पथ को समायोजित करने की प्रक्रिया है।
भाषा प्रशांत संतोष
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