लखनऊ, 12 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि किसान की समृद्धि के बिना खुशहाली नहीं आ सकती और भारत में कृषि तथा पशुधन एक-दूसरे से जुड़े रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश सरकार की गौशालाओं या सरकार से सहायता प्राप्त पशुपालकों द्वारा 14 लाख से अधिक गोवंशों की देखभाल की जा रही है।
योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘भारत में पशु नस्लों का विकास’ कार्यशाला का उद्घाटन किया जिसमें उन्होंने गोरखपुर के कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान और पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के तहत प्रदेश में तीन परियोजनाओं (अमेठी, बरेली और मथुरा) का बटन दबाकर उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने खुरपका-मुंहपका रोग का जिक्र करते हुए कहा कि पशुधन को खुरपका-मुंहपका रोग मुक्त बनाकर पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने में सरकार योगदान करेगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन लोगों ने स्थानीय स्तर पर देसी पद्धतियों से नस्ल सुधार के प्रयास किए, उन्होंने अच्छी नस्ल बढ़ाने में सफलता प्राप्त की और जो लोग प्रयास नहीं कर पाए, वहां पशुधन काफी पिछड़ा हुआ था।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पशुओं की बहुत सारी स्थानीय नस्लें लुप्तप्राय हैं यदि उन पर ध्यान दिया जाए तो पशुपालकों को स्थायी समृद्ध निधि दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रदेश में झांसी के बलिनी, गोरखपुर, आगरा, काशी समेत पांच दुग्ध उत्पादक संघ कार्यरत हैं जिनसे लाखों महिलाएं जुड़ी हैं। दुग्ध संग्रह कर उसके मूल्यवर्धन से किसानों और पशुपालकों के जीवन में खुशहाली लाने में योगदान दिया जा सकता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 तक समय के अनुरूप पशुधन की नस्लों में सुधार नहीं हुए जिसके परिणाम स्वरूप बड़े पैमाने पर पशुधन सड़कों, खेतों, कसाईखानों में जाते थे, इसके बाद वर्ष 2017 में निराश्रित गोआश्रय स्थल की कार्ययोजना बनाई और 2018 में उसे लागू किया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 12 लाख गोवंशों की देखभाल अपने निराश्रित गोआश्रय स्थलों के माध्यम से करती है। दूसरी योजना सहभागिता योजना के माध्यम से चालू की गई है जिसमें सरकार किसी भी पशुपालक को चार गोवंशों की देखभाल करने के लिए हर महीने 1,500 रुपये प्रति गोवंश देती है।
मुख्यमंत्री ने रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि कैंसर, किडनी, लीवर की बढ़ती बीमारियां बताती हैं कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग अत्यधिक मात्रा में किया जा रहा है। प्राकृतिक जीवन जीने के लिए प्राकृतिक खेती महत्वपूर्ण है और प्राकृतिक खेती में भारतीय नस्ल के गोवंश की महत्वपूर्ण भूमिका है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के 27 जनपदों में सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का विशेष अभियान चलाया है, जिसके तहत बुंदेलखंड के सातों जनपदों में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
भाषा
राजेंद्र, रवि कांत रवि कांत