(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, 12 जुलाई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले सप्ताह तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय ने यहां शनिवार को यह जानकारी दी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा कि एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक 15 जुलाई को तियानजिन में होगी।
बयान में कहा गया है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी के निमंत्रण पर, एससीओ के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्री और संगठन के स्थायी निकायों के प्रमुख बैठक में भाग लेंगे।
इसमें कहा गया है कि मंत्री विभिन्न क्षेत्रों में एससीओ सहयोग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
एससीओ में 10 सदस्य देश शामिल हैं – चीन, रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस।
दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया, ऑटोमोबाइल सहित कई उत्पादों के निर्माण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण धातुओं पर चीन द्वारा रोक सहित कई मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है।
इससे पहले, रिपोर्टों में कहा गया था कि जयशंकर वांग के साथ बातचीत के लिए 13 जुलाई को बीजिंग जाएंगे।
जयशंकर की यह यात्रा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजीत डोभाल की हालिया चीन यात्राओं के बाद हो रही है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 2020 के सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों के अत्यधिक तनावपूर्ण होने के बाद, जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा होगी।
ऐसा माना जा रहा है कि वांग इस महीने सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) स्तरीय वार्ता के तहत एनएसए डोभाल के साथ बातचीत के एक नये दौर के लिए भारत भी आ सकते हैं।
वांग और डोभाल दोनों ही सीमा तंत्र के नामित विशेष प्रतिनिधि हैं।
दोनों देशों ने 3,488 किलोमीटर लंबे जटिल सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि तंत्र के तहत 23 दौर की वार्ता की है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
रक्षा मंत्री सिंह पिछले महीने एससीओ के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी शहर चिंगदाओ गए थे।
चीन वर्तमान में एससीओ का अध्यक्ष है और इसी हैसियत से वह इस समूह की बैठकों की मेजबानी कर रहा है।
चीनी रक्षा मंत्री जनरल डोंग जुन के साथ अपनी वार्ता के दौरान सिंह ने 26 जून को प्रस्ताव दिया था कि भारत और चीन को एक ‘रोडमैप’ के तहत ‘‘जटिल मुद्दों’’ को हल करना चाहिए, जिसमें सीमाओं पर तनाव कम करने और सीमांकन के लिए मौजूदा तंत्र को फिर से सुचारु करने के लिए कदम उठाना शामिल हैं।
भाषा
सुभाष पवनेश
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