शिमला, 12 जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण 249 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हैं जिनमें से 207 मंडी जिले में हैं। यह सड़कें भूस्खलन से सर्वाधिक प्रभावित हुई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
भारी बारिश के कारण मंडी से धर्मपुर (कोटली होकर) के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग- तीन (अटारी-लेह) भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है।
मंडी के पंडोह बांध के पास कैची मोड़ पर शुक्रवार देर रात भूस्खलन होने से चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग के मंडी-कुल्लू खंड को करीब 10 घंटे तक बंद रखना पड़ा। इसके बाद वाहनों को कटौला-कामांद वैकल्पिक मार्ग से भेजा गया।
अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी से मलबा और पत्थर सड़क पर गिरने के कारण यातायात रोकना पड़ा जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाद में मलबा हटाकर करीब 10 घंटे बाद सड़क पर एक तरफ से यातायात बहाल किया गया।
राज्य में 20 जून को मानसून आने के बाद से अब तक करीब 751 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में 463 विद्युत ट्रांसफॉर्मर और 781 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
शुक्रवार शाम से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। मुरारी देवी में सबसे अधिक 126 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
इसके अलावा पंडोह में 79 मिमी, स्लैपर में 67.7 मिमी, कोठी में 60.4 मिमी, मंडी में 53.2 मिमी, जोगिंदरनगर में 53 मिमी, भुंतर में 47.6 मिमी, भराड़ी में 40 मिमी, सराहन में 35 मिमी, नेरी में 34 मिमी और सुंदरनगर में 30.4 मिमी बारिश हुई।
सुंदरनगर, मुरारी देवी, भुंतर और कांगड़ा में गरज-चमक के साथ बारिश हुई जबकि नेरी, सिओबाग और कुकुमसेरी में 39 से 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं।
स्थानीय मौसम विभाग ने चार से 10 जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश को लेकर 18 जुलाई तक के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।
मानसून की शुरुआत के बाद से राज्य में अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 56 और सड़क हादसों में 36 लोगों की मौत हुई है, जबकि 172 लोग घायल हुए हैं और 33 लोग लापता हैं।
मंडी जिले में 30 जून और एक जुलाई की दरम्यानी रात बादल फटने की 10 घटनाओं, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 15 लोगों की मौत हुई और 27 लोग बह गए जिनकी तलाश के लिए खोज अभियान अभी भी जारी है।
एसईओसी के अनुसार, राज्य में सामान्य से 26 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, तथा बाढ़ की 31 घटनाएं, बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 17 घटनाएं हुई हैं।
भाषा
राखी माधव
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