नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा)प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि उसने पुणे स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर के जरिये अमेरिकी नागरिकों से लाखों डॉलर की ठगी से जुड़े धन शोधन के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
ईडी ने यह गिरफ्तारी मैग्नेटेल बीपीएस कंसल्टेंट्स एंड एलएलपी के खिलाफ साइबर धोखाधड़ी मामले में अहमदाबाद, जयपुर, जबलपुर और पुणे में की गई छापेमारी के बाद की है।
एजेंसी ने तलाशी के दौरान सात किलोग्राम सोना, 62 किलोग्राम चांदी, 1.18 करोड़ रुपये नकद और 9.2 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त किए।
ईडी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान संजय मोरे और अजीत सोनी के रूप में हुई है। वे उक्त कंपनी में साझेदार हैं और उन्हें जयपुर से गिरफ्तार किया गया।
ईडी द्वारा पुणे साइबर पुलिस की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें कथित तौर पर फर्जी कॉल सेंटर चलाने में शामिल आठ व्यक्तियों को नामजद किया गया था। यह कॉल सेंटर जुलाई 2024 से पुणे में प्राइड आइकॉन बिल्डिंग की 9वीं मंजिल से चल रहा था।
आरोपियों ने ‘‘फर्जी’’ ऋण योजना के माध्यम से अमेरिका के नागरिकों को निशाना बनाया।
ईडी ने बताया कि शुरुआती जांच से खुलासा हुआ कि आरोपियों ने खुद को बैंकों के प्रतिनिधि बताकर झूठे ऋण देने का वादा किया। उसके मुताबिक इस धोखाधड़ी से अमेरिकी नागरिकों के बैंक खातों का विवरण और अन्य जानकारियां हासिल की गई और फिर इनका इस्तेमाल धन हस्तांतरण के लिए किया गया।
ईडी ने बताया कि धोखाधड़ी की गई राशि लाखों अमेरिकी डॉलर में है। यह गोरखधंधा अमेरिका में स्थित सहयोगियों के माध्यम से किया गया और बाद में उसे क्रिप्टोकरेंसी में परिवर्तित कर दिया गया, मुख्य रूप से यूएसडीटी के रूप में।
ईडी के अनुसार, इस प्रकार प्राप्त डिजिटल परिसंपत्तियों को ट्रस्ट वॉलेट और एक्सोडस वॉलेट सहित क्रिप्टो वॉलेट में जमा किया गया था।
भाषा धीरज माधव
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