चेन्नई, 12 जुलाई (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को 2047 के लिए एक ऐसा दृष्टिकोण तैयार करना होगा जो भारत की वृद्धि आकांक्षाओं के अनुरूप हो।
उन्होंने चेन्नई में मुख्यालय वाले बैंक से आग्रह किया कि वह अपने ग्राहकों की उभरती ज़रूरतों को ‘नवाचार और ईमानदारी’ के साथ पूरा करता रहे।
शुक्रवार शाम को एक कार्यक्रम में बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय कुमार श्रीवास्तव की उपस्थिति में कुछ प्रमुख बैंकिंग सेवाओं का शुभारंभ करते हुए नागराजू ने कहा कि व्हाट्सएप आधारित बैंकिंग सेवाओं और बैंकिंग संवाददाताओं के माध्यम से पुनः केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) की शुरुआत से ग्राहक सेवा और बैंक के समग्र प्रदर्शन में वृद्धि होगी।
उन्होंने शनिवार को एक बयान में कहा, “बैंक के पास 2047 के लिए एक दृष्टिकोण होना चाहिए, जो भारत की वृद्धि आकांक्षाओं के अनुरूप हो, ताकि वह नवाचार और ईमानदारी के साथ अपने ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करना जारी रख सके।”
नागराजू द्वारा शुरू की गई अन्य प्रमुख पहलों में क्यूआर-आधारित तत्काल ग्राहक प्रतिक्रिया प्रणाली शामिल है, जिसकी निगरानी बैंक के केंद्रीय कार्यालय के ग्राहक सेवा विभाग में केंद्रीय रूप से की जाती है। यह ग्राहकों के लिए अपने सेवा अनुभव को तुरंत साझा करने का एक सहज और सुलभ मंच है।
बैंक ने कहा कि त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को रीयल-टाइम अलर्ट किया जाता है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
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