चेन्नई, 12 जुलाई (भाषा) पीएमके संस्थापक डॉ. एस रामदास और उनके बेटे अंबुमणि के बीच गहराते मतभेदों के मद्देनजर वन्नियार बहुल पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर खतरा मंडराने लगा है।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अगर विभाजन होता है, तो अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा झटका साबित होगा।
एकजुट रहने के महत्व पर जोर देते हुए डॉ. एस रामदास के समर्थक और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दोनों नेताओं को अपने मतभेद भुलाकर पार्टी को एकजुट रखना चाहिए।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी जीके मणि ने जोर देकर कहा कि पीएमके के सदस्य चाहते हैं कि यह कलह जल्द खत्म हो।
पिता-पुत्र के बीच सुलह कराने की असफल कोशिश करने वाले विधायक ने कहा, “पीएमके में दरार देखकर मुझे बहुत दुख हो रहा है।”
अंबुमणि ने आठ जुलाई को चेन्नई में पार्टी की शासी निकाय की बैठक की अध्यक्षता की, जबकि उनके पिता ने तिंडीवनम में पीएमके की कार्यकारी समिति की बैठक बुलाई।
डॉ. रामदास के करीबी मणि, धीरन और एके मूर्ति ने उनके साथ मंच साझा किया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता चाहते थे कि उनके नेता डॉ. रामदास पार्टी पर पूरा नियंत्रण रखें और 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर भी फैसला लें।
इस कार्यक्रम में रामदास ने दावा किया था कि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता उनके साथ हैं।
डॉ. एस. रामदास ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट हैक किये जाने का दावा करते हुए पुलिस से इन्हें बहाल करने को लेकर मदद मांगी।
पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि डॉ. रामदास ने पुलिस को दी गई एक शिकायत में आरोप लगाया कि ‘एक्स’ और फेसबुक पर उनके आधिकारिक अकाउंट हैक कर पासवर्ड बदल दिए गए हैं।
वन्नियार बहुल पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के नेतृत्व को लेकर बेटे डॉ. अंबुमणि के साथ संबंधों में आई खटास के बाद मीडिया खातों में छेड़छाड़ रामदास का नया आरोप है।
डॉ. रामदास ने पीएमके की स्थापना के बाद वर्षों तक पार्टी का नेतृत्व किया।
भाषा जितेंद्र दिलीप
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