28.5 C
Jaipur
Sunday, July 13, 2025

‘एक देश, एक चुनाव’ मुद्दे पर जेपीसी की अगली बैठक 30 जुलाई को होने की संभावना : पी पी चौधरी

News‘एक देश, एक चुनाव’ मुद्दे पर जेपीसी की अगली बैठक 30 जुलाई को होने की संभावना : पी पी चौधरी

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) ‘एक देश, एक चुनाव’ पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष पी पी चौधरी ने कहा कि इस समिति की अगली बैठक 30 जुलाई को होने की संभावना है।

चौधरी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि न्यायमूर्ति राजेंद्र मल लोढ़ा और न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे को अगली बैठक में अपने विचार व्यक्त करने के लिए बुलाया जा सकता है।

भाजपा सांसद चौधरी की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति विधेयक पर अपनी सिफारिशें तैयार करने के लिए न्यायविदों और कानूनी विशेषज्ञों से बातचीत कर रही है। पूर्व प्रधान न्यायाधीशों– न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे एस खेहर और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को समिति की आठवीं बैठक के दौरान उसके सामने अपनी राय रखी।

चौधरी ने कहा, ‘‘समिति इस मुद्दे पर बहुत गंभीरता से चर्चा कर रही है और पूर्व प्रधान न्यायाधीशों समेत विभिन्न कानूनी दिग्गजों ने हमें यह समझने में मदद करने के लिए अपनी राय दी है कि क्या यह विचार संवैधानिक ढांचे के भीतर फिट बैठता है।’’

चौधरी ने कहा कि समिति की अगली बैठक संभवतः 30 जुलाई को होगी।

जब उनसे यह पूछा गया कि समिति अपनी रिपोर्ट कब पेश करेगी, तो उन्होंने कहा कि कोई जल्दी नहीं है, क्योंकि सभी पक्षों की राय सुनी जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश को यह महसूस होना चाहिए कि संयुक्त संसदीय समिति ने सबकी बात सुनी है और सबके विचार जाने हैं… अगर सदस्यों को लगता है कि रिपोर्ट पेश करने से पहले और लोगों की बात सुनने की ज़रूरत है, तो हम संसद से और समय मांग सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि चार पूर्व प्रधान न्यायाधीशों ने समिति के सामने अपने विचार रखे और सभी शंकाओं का समाधान किया।

चौधरी ने कहा,‘‘उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ-साथ वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी समिति के सदस्यों के साथ बातचीत की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत इस बात पर केंद्रित थी कि क्या एक देश, एक चुनाव विधेयक संविधान के अनुरूप है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें बहुत खुशी है कि सभी सदस्यों ने पांच घंटे तक विस्तृत चर्चा की, ताकि हम सही कानून बना सकें और संसद में इसके जाने पर हमारे पास ठोस सिफारिशें हों।’’

भाषा राजकुमार दिलीप

दिलीप

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles