नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने तमिलनाडु में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को वित्तीय सहायता प्रदान करते हुए, मदुरै के तमुक्कम कन्वेंशन सेंटर में विशाल ऋण पहुंच कार्यक्रम का आयोजन किया।
बैंक ने एक बयान में बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) की अखिल भारतीय पहल के तहत यह कार्यक्रम एक करोड़ महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें सशक्त बनाने के राष्ट्रीय मिशन में इंडियन बैंक के योगदान को दर्शाता है।
बयान के अनुसार, यह कार्यक्रम समावेशी वृद्धि और महिला-नेतृत्व वाले विकास पर केंद्रित ‘विकसित भारत-2047’ के दृष्टिकोण का भी समर्थन करता है।
कार्यक्रम में बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनोद कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान 1,011 करोड़ रुपये के स्वीकृति पत्र सौंपे गए।
इंडियन बैंक ने बताया कि उसने अब तक 5.09 लाख स्वयं सहायता समूहों को सहायता प्रदान की है, जिससे 60 लाख से ज़्यादा महिलाओं को लाभ हुआ है। बैंक स्वयं सहायता समूहों को वित्तपोषित करने वाला चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बन गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने कहा कि आजीविका संबंधी गतिविधियों के लिए पूंजी तक पहुंच अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस तरह की पहल न केवल अनौपचारिक ऋण के स्रोतों पर निर्भरता कम करती है, बल्कि औपचारिक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में समावेशन में भी मदद करती है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
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