मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि पिछले महीने अहमदाबाद में उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान में संभवतः यांत्रिक या बिजली आपूर्ति संबंधी समस्या आई होगी, जिसके कारण विमान में ईंधन आपूर्ति करने वाले स्विच की स्थिति बदल गई होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव होने के कारणों का पता आगे की जांच के दौरान चलेगा।
वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 12 जून को हुई दुर्घटना से पहले बोइंग 787-8 विमान के इंजन 1 और 2 के ईंधन स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘कटऑफ’ हुए और बाद में चालू किये गये थे।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान ने 12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद गति खोनी शुरू कर दी और वह एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई। वहीं, दुर्घटनास्थल पर मौजूद 19 अन्य लोग भी मारे गए थे।
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (एफपीआई) के अध्यक्ष और एअर इंडिया के पूर्व पायलट कैप्टन सी. एस. रंधावा ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति को केवल मानवीय हस्तक्षेप से ही बदला जा सकता है।
ये स्विच स्प्रिंग युक्त होते हैं और इनमें लॉक लगा होता है।
उन्होंने बताया कि अगर इन्हें ‘रन’ स्थिति में रखना है, तो पहले इन्हें बाहर खींचकर उस स्थिति में लाना पड़ता है।
उनके अनुसार, ये स्विच आमतौर पर उस वक्त इस्तेमाल किए जाते हैं जब विमान के दोनों इंजन ‘फ्लेमआउट’ हो गये हों या पायलट ने इन स्विच को ‘रीसेट’ किया हो। उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट नहीं है कि स्विच की स्थिति क्यों बदली गई थी।’’ उन्होंने कहा कि बिजली आपूर्ति में रुकावट भी इसका कारण हो सकती है।
रंधावा ने कहा कि जब ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करना होता है, तो उड़ान भर रहा पायलट कहेगा, ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच लेफ्ट, पुष्टि करें।’ तब, दूसरे पायलट द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद, यह स्विच बंद कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में, सह-पायलट विमान को उड़ा रहा था और कप्तान पायलट निगरानी कर रहा था। अब, क्या नियंत्रण का यह हस्तांतरण कप्तान और सह-पायलट के बीच हुआ था? रिपोर्ट से यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है।’’
ईंधन स्विच ‘थ्रॉटल’ कॉकपिट में दोनों पायलट के बीच के हिस्से में होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों इंजन के अनजाने में बंद हो जाने की स्थिति में, स्वचालित थ्रॉटल स्विच बंद कर दिए जाते हैं और ईंधन नियंत्रण स्विच को बंद करके चालू कर दिया जाता है। असल में, वे पुनः सक्रिय हो जाते हैं।’’
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि ईंधन स्विच की स्थिति में बदलाव हुआ था और सवाल यह है कि ऐसा क्यों हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘अब, जांच इस दिशा में आगे बढ़ेगी कि स्विच की स्थिति क्यों बदली, क्या यह कोई यांत्रिक गड़बड़ी थी, क्या यह जानबूझकर हुआ या अनजाने में हुआ या कुछ और था या कोई समस्या थी… सवाल यह भी है कि क्या कोई सॉफ्टवेयर गड़बड़ी थी।’’
रिपोर्ट में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि ईंधन स्विच में पहले से कोई खराबी थी, या नहीं।
बोइंग के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट नहीं है कि ईंधन स्विच को ‘रन’ स्थिति से ‘कटऑफ’ स्थिति में क्यों किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव अनजाने में हुआ होगा।
विभिन्न विमान दुर्घटना जांचों का हिस्सा रहे एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, आगामी महीनों में होने वाली जांच से ईंधन स्विच की स्थिति में परिवर्तन के कारणों का पता लगाने में मदद मिलेगी, जिसमें यह भी पता लगाना शामिल होगा कि क्या कोई यांत्रिक समस्या थी।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘विमान ने रिकॉर्ड की गई लगभग 180 नॉट्स आईएएस की अधिकतम हवाई गति प्राप्त की और उसके तुरंत बाद, इंजन 1 और इंजन 2 ईंधन ‘कटऑफ’ स्विच एक सेकंड के समय अंतराल के साथ एक-एक कर ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए।’’
इसमें कहा गया है कि इंजन एन1 और एन2 की ईंधन आपूर्ति बंद होने के कारण उनकी गति अचानक कम होने लगी।
पंद्रह पन्नों वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।
भाषा सुभाष पवनेश
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