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Sunday, July 13, 2025

दिल्ली के वेलकम इलाके में इमारत ढही: स्थानीय लोगों ने बढ़ाये मदद के हाथ

Newsदिल्ली के वेलकम इलाके में इमारत ढही: स्थानीय लोगों ने बढ़ाये मदद के हाथ

(वर्षा सागी)

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) उत्तर-पूर्वी दिल्ली में वेलकम इलाके के निवासियों को जैसे ही पता चला कि उनके क्षेत्र में एक इमारत ढह गई है, वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और मलबे को हटाने के काम में जुट गये ताकि प्रभावित लोगों को बचाया जा सके।

वेलकम इलाके में शनिवार सुबह चार मंजिला इमारत ढहने से दो साल की बच्ची समेत छह लोगों की मौत हो गई, जबकि आठ लोग घायल हुए हैं।

इस घटना में मतलूब (50), उनकी पत्नी राबिया (46) और दो बेटे जावेद (23) एवं अब्दुल्ला (15) की मौत हो गई। हादसे में 27-वर्षीय जुबिया और उसकी दो-वर्षीय बेटी फोजिया भी मारी गई।

घर के मालिक मतलूब के एक पड़ोसी ने कहा, ‘‘पुलिस के आने से पहले हम सभी मलबा हटा रहे थे।’’

स्वयंसेवियों और पड़ोसियों ने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया और उन परिवार के सदस्यों को राहत पहुंचाने की कोशिश की जो अपने प्रियजनों की खबर का इंतजार कर रहे थे।

पीड़ित परिवार के रिश्तेदार दिलशाद अहमद ने कहा कि ‘‘यह दस लोगों का परिवार था’’ और उन्होंने बाकी फंसे हुए लोगों को बचाने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, ‘‘अब हम बस किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे हैं।’’

यह इमारत एक संकरी गली में स्थित थी और यह सुबह लगभग सात बजे ढह गई। इस इमारत में परिवार कई सालों से रह रहा था। मतलूब के बेटे ड्राई-क्लीनिंग का काम करते थे, और सबसे छोटा बेटा स्कूल जाता था।

एक रिश्तेदार ने बताया कि कुछ महीने पहले गौतम नगर स्थित उनके दूसरे घर में भी आग लग गई थी।

दिलशाद ने कहा, ‘‘उनकी छोटी बेटी की शादी के उपहार उस आग में जलकर नष्ट हो गए थे। फिर भी वे उसकी शादी कराने में कामयाब रहे। और अब यह सब।’’

दावत-ए-इस्लामी इंडिया की कल्याण शाखा, ‘गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन’ के स्वयंसेवी सबसे पहले पहुंचने वालों में शामिल थे।

एक स्वयंसेवी ने कहा, ‘‘मलबा हटाने में हमारे आठ लोग मदद कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर और लोग भी तैयार हैं। हम जो कर सकते हैं, कर रहे हैं।’’

परिवार की छोटी बेटी, जिसकी हाल में शादी हुई थी, मलबे को देखकर रो रही थी।

स्थानीय महिला फातिमा ने कहा, ‘‘जब भी कुछ भयानक घटित होता है तो हम एक-दूसरे की मदद करना याद रखते हैं। यही मानवता होती है।’’

स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत के पिलर तो मजबूत थे, लेकिन इलाके में जल निकासी व्यवस्था खराब थी।

घटनास्थल के निकट खड़ी अलीशा ने कहा, ‘‘आसपास की अन्य इमारतों में भी दरारें पड़ गई हैं। लोग अपने घरों में सोने से डर रहे हैं।’’

उन्होंने बताया कि इमारत गिरने से कई बिजली के तार टूट गए और गली के बाहर लगा एक खंभा भी इसकी चपेट में आकर गिर गया। उन्होंने बताया कि कुछ देर के लिए बिजली गुल होने के बाद अधिकारियों ने आपूर्ति बहाल कर दी।

भाषा

देवेंद्र वैभव

वैभव

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