फ्रैंकफर्ट, 12 जुलाई (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यूरोपीय संघ (ईयू) पर 30 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की। इस कदम का अटलांटिक के दोनों ओर की कंपनियों और उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा।
इन शुल्क के कारण अमेरिका में फ्रांसीसी पनीर और इतालवी चमड़े के सामान से लेकर जर्मन इलेक्ट्रॉनिक्स और स्पेनिश दवाइयों तक, सब कुछ महंगा हो सकता है।
अप्रैल में, ट्रंप ने यूरोपीय संघ के उत्पादों पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था, जो उन देशों पर लक्षित शुल्क की एक शृंखला का हिस्सा था जिनके साथ अमेरिका का व्यापार असंतुलन है। बाद में, जब बातचीत उनकी अपेक्षा के अनुरूप तेज़ी से आगे नहीं बढ़ी, तो उन्होंने इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की धमकी दी।
इसी सप्ताह यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग ने कहा कि उसके नेता अभी भी ट्रंप प्रशासन के साथ समझौता करने की उम्मीद कर रहे हैं।
कार्यकारी आयोग यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों के व्यापार संबंधी मुद्दों को देखता है।
यूरोपीय संघ ने कहा कि वह बीफ और वाहन कलपुर्जों से लेकर बीयर और बोइंग विमानों तक, सैकड़ों अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाकर जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार के बारे में जानने योग्य बातें यहां दी गई हैं:
अमेरिका-यूरोपीय संघ के बीच व्यापार बहुत बड़ा है।
यूरोपीय आयोग अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच व्यापार को ‘दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक संबंध’ बताता है।
यूरोपीय संघ की सांख्यिकी एजेंसी यूरोस्टेट के अनुसार, वस्तुओं और सेवाओं में यूरोपीय संघ-अमेरिका व्यापार का मूल्य 2024 में 1.7 लाख करोड़ यूरो (दो लाख करोड़ डॉलर) या औसतन 4.6 अरब यूरो प्रतिदिन होगा।
यूरोप को अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यात कच्चा तेल है, उसके बाद फार्मास्यूटिकल्स, विमान, वाहन और चिकित्सा एवं नैदानिक उपकरण हैं।
यूरोप से अमेरिका को सबसे ज़्यादा निर्यात दवाइयां, कार, विमान, रसायन, चिकित्सा उपकरण, और शराब व स्पिरिट्स हैं।
एपी अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय