रायपुर, 12 जुलाई (भाषा) छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे व्यापारियों के 10 साल से अधिक लंबित पुराने मामलों में 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियों को खत्म करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में छोटे व्यापारियों को अपना व्यवसाय आसानी से करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार छोटे व्यापारियों के 10 साल से अधिक लंबित पुराने मामलों में 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियों को खत्म करने जा रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में कारोबारी सुगमता के तहत जीएसटी प्रावधानों में भी कई संशोधन किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया गया है। इन दोनों विधेयकों को विधानसभा के मानसून सत्र में पटल पर रखा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि 10 साल से अधिक पुराने 25 हजार रुपये तक की वैट देनदारियों को खत्म करने से राज्य के लगभग 40 हजार से अधिक व्यापारियों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही 62 हजार से अधिक मुकदमें भी कम हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया। इस प्रारूप में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य संशोधन प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे जुर्माने की राशि जिनमें कर मांग शामिल नहीं होती है, उन मामलों में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक पूर्व जमा राशि को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया गया है।
उन्होंने बताया कि जीएसटी प्रणाली में वाउचर पर करदेयता के संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए ‘टाइम ऑफ सप्लाई’ के प्रावधान को विलोपित किया गया है। इस संबंध में विभिन्न अग्रिम आदेश प्राधिकरण में मतभिन्नता थी, अतः एकरूपता के प्रयोजन से यह संशोधन लाया गया।
भाषा संजीव रवि कांत पाण्डेय
पाण्डेय