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Sunday, July 13, 2025

यूनेस्को महानिदेशक ने ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ के विश्व धरोहर सूची में शामिल होने पर खुशी जताई

Newsयूनेस्को महानिदेशक ने 'मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स' के विश्व धरोहर सूची में शामिल होने पर खुशी जताई

नयी दिल्ली/पेरिस, 12 जुलाई (भाषा) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक ऑद्रे अजोले ने शनिवार को कहा कि वह ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत के लोगों के साथ गर्व और खुशी साझा करती हैं।

मराठा शासकों की किलेबंदी व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यह निर्णय पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 47वें सत्र के दौरान लिया गया।

यह मान्यता प्राप्त करने वाली भारत की 44वीं संपत्ति है।

अजोले ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मोदी की दिन में की गई पोस्ट को साझा करते हुए कहा, ‘प्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मैं आपके और भारतीय लोगों के साथ यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भारत के ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ के शामिल होने पर गर्व और खुशी साझा करती हूं। 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच मराठों द्वारा निर्मित ये बारह असाधारण इमारतें अब आधिकारिक तौर पर मानवता की विरासत का हिस्सा हैं!’

‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ का विकास 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच हुआ था।

मराठा शासक के 12 किलों को यह दर्जा दिया गया, जिनमें महाराष्ट्र में साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, स्वर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु में जिंजी किला शामिल हैं।

भाषा

शुभम वैभव

वैभव

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