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Monday, July 14, 2025

न्याय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सीमाओं तक सीमित नहीं: न्यायमूर्ति सूर्य कांत

Newsन्याय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सीमाओं तक सीमित नहीं: न्यायमूर्ति सूर्य कांत

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने न्याय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता इसकी सीमाओं तक ही सीमित नहीं होने का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की अदालतों ने कुछ मामलों में अनिवासी भारतीयों को भी मौलिक अधिकारों की सुरक्षा प्रदान की है।

स्वीडन में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि भारत में न्यायालयों ने न केवल निर्णायक के रूप में कार्य किया है, बल्कि हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों को कायम रखते हुए, स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अखंडता को बनाए रखते हुए नैतिक आवाज के रूप में भी भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने अनेक निर्णयों और सैद्धांतिक हस्तक्षेपों के माध्यम से धर्मनिरपेक्षता, समानता और गरिमा जैसे मूल्यों को कायम रखा है, जो हमारी संवैधानिक पहचान की आधारशिला हैं।

न्यायमूर्ति कांत ने कहा, “भारतीय न्यायपालिका ने इन जटिलताओं को तेजी से पहचाना है और अनिवासी भारतीयों के लिए न्याय को अधिक सुलभ बनाने का प्रयास किया है।”

उन्होंने कहा, “कुछ मामलों में, न्यायालयों ने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा का विस्तार विदेश में रहने वालों तक भी कर दिया है, जिससे यह संदेश पुष्ट होता है कि न्याय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता उसकी सीमाओं तक ही सीमित नहीं है।”

भाषा प्रशांत नरेश

नरेश

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