नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने नीट-पीजी परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता पर, खासकर उत्तर कुंजी जारी करने और मूल्यांकन प्रोटोकॉल के संबंध में, चिंता जताने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार को तीन अगस्त की तारीख तय की।
न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने इन मुद्दों पर दायर याचिकाओं पर संक्षिप्त सुनवाई की।
वकील तन्वी दुबे के माध्यम से दायर एक याचिका में मूल्यांकन प्रणाली की कथित अपारदर्शी प्रकृति को चुनौती दी गई है और नीट-पीजी आयोजित करने के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को कई निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी जारी करने और मूल्यांकन के अनुसार सही और गलत प्रश्नों का खुलासा करने की मांग की गई है।
इसमें अंकों में विसंगतियों के मामलों में पुनर्मूल्यांकन या पुनर्जांच के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिका में अभ्यर्थियों को विवादित प्रश्नों या उत्तरों को चुनौती देने में सक्षम बनाने और वर्तमान एवं भविष्य की नीट-पीजी परीक्षाओं के लिए पारदर्शी मूल्यांकन तंत्र स्थापित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया गया है और कहा गया है कि इससे इतनी महत्वपूर्ण परीक्षा की विश्वसनीयता कम होती है और अभ्यर्थियों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
भाषा वैभव मनीषा
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