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Tuesday, September 2, 2025

उप्र में कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ

Newsउप्र में कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ

लखनऊ, 14 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित नहीं रहना चाहिए।

यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने राज्य में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने, बच्चों की शत-प्रतिशत विद्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित करने और संसाधनों के कुशल उपयोग के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छह से 14 वर्ष की आयु का एक भी बच्चा विद्यालय से वंचित नहीं रहना चाहिए। यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबन्ध समिति (प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान) की है।

योगी ने कहा कि इस दिशा में ‘स्कूल चलो अभियान’ को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए ताकि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे।

बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र के अभिभावक के बैंक खाते में यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी एवं पाठ्य सामग्री हेतु 1200 रुपये की सहायता राशि को डीबीटी के माध्यम से शीघ्रता से अंतरित किए जाने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने 50 से कम छात्रों वाले विद्यालयों को पड़ोस के विद्यालय से जोड़ने (विलय) की व्यवस्था को दूरगामी और व्यापक दृष्टिकोण से लागू किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों तीनों के हित में है। इससे न केवल संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार सुनिश्चित किया जा सकेगा। 50 से अधिक छात्रों वाले विद्यालयों को स्वतंत्र विद्यालय के रूप में संचालित करने का निर्देश दिया गया।

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विलय के कारण खाली हुए विद्यालय भवनों को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि वहां बाल वाटिकाएं/प्री-प्राइमरी स्कूल संचालित किए जाएं। साथ ही, इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित किया जाए ताकि शिशु शिक्षा का आधार सुदृढ़ हो और विद्यालय परिसरों का उपयोग सुनिश्चित हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया तय समय-सीमा के भीतर पूरी की जाए और इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

बैठक में शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात आदर्श स्थिति में होना चाहिये। उन्होंने निर्देश दिये कि रिक्तियों पर नियुक्ति प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से पूरी की जाए।

भाषा आनन्द मनीषा नरेश

नरेश

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