अलप्पुझा (केरल), जुलाई 14 (भाषा) डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को अलप्पुझा जिले के मावेलीकारा स्थित एक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूल में हाल ही में आयोजित ‘पाद पूजा’ अनुष्ठान के खिलाफ विरोध मार्च निकाला।
डीवाईएफआई सत्तारूढ़ माकपा का युवा संगठन है।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बच्चों से न केवल शिक्षकों के पैर धुलवाए गए, बल्कि पिछले सप्ताह विवेकानंद विद्यापीठ में आयोजित इस अनुष्ठान में शामिल हुए एक स्थानीय भाजपा नेता के भी पैर धुलवाए गए।
मार्च में शामिल होने वाले वामपंथी कार्यकर्ताओं में महिलाएं भी थीं और उन्होंने स्कूल से कुछ मीटर दूर पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को लांघने की कोशिश की।
उन्होंने पुलिसवालों के साथ हल्की-फुल्की हाथापाई भी की और स्कूल प्रबंधन तथा भाजपा नेता (जो कथित तौर पर इलाके के वार्ड सदस्य हैं) के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने भाजपा नेता के पद से इस्तीफे की भी मांग की।
स्कूल प्राधिकारियों ने इस घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह विरोध प्रदर्शन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा लोगों के एक वर्ग द्वारा की जाने वाली ‘गुरु पूजा’ की प्रथा का पुरजोर बचाव करने और सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के एक दिन बाद हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों के चरणों में पुष्प अर्पित करना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। हालांकि मंत्री ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और उन पर राज्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एजेंडा लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
मंत्री के अलावा, माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) महासचिव के सी वेणुगोपाल भी कई सीबीएसई स्कूलों में आयोजित अनुष्ठान और राज्यपाल की टिप्पणी के खिलाफ सामने आए।
मीडिया की खबरों में कहा गया है कि 10 जुलाई को मनाए गए गुरु पूर्णिमा दिवस पर कासरगोड और मावेलीकारा में भारतीय विद्यानिकेतन प्रबंधन के तहत दो सीबीएसई स्कूलों में ‘पाद पूजा’ समारोह आयोजित किए गए थे।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश