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Monday, July 14, 2025

सिमी पर प्रतिबंध बढ़ाने के खिलाफ याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज की

Newsसिमी पर प्रतिबंध बढ़ाने के खिलाफ याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज की

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल बढ़ाए जाने की पुष्टि के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यूएपीए न्यायाधिकरण के 24 जुलाई, 2024 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।

केंद्र सरकार ने 29 जनवरी, 2024 को सिमी पर प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद न्यायाधिकरण का गठन गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत किया गया था।

इसकी स्थापना इस बात पर निर्णय लेने के लिए की गई थी कि सिमी को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।

सिमी को पहली बार 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान गैरकानूनी घोषित किया गया था और तब से प्रतिबंध को समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।

सिमी की स्थापना 25 अप्रैल, 1977 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में युवाओं और छात्रों के एक प्रमुख संगठन के रूप में हुई थी, जो जमात-ए-इस्लामी-हिंद (जेईआईएच) में आस्था रखते थे। हालांकि, संगठन ने 1993 में एक प्रस्ताव के माध्यम से खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया।

सोमवार को, याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि न्यायाधिकरण ने केंद्र के 29 जनवरी, 2024 के आदेश की पुष्टि की है, जिसमें सिमी पर प्रतिबंध को नौवीं बार बढ़ाया गया था।

उन्होंने कहा कि सितंबर 2001 से प्रतिबंध जारी है और सिमी पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाले अन्य मामले भी शीर्ष अदालत में लंबित हैं।

वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि वह याचिका पर नोटिस जारी करे और इसे लंबित मामलों के साथ संलग्न करे।

जब उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता सिमी का पूर्व सदस्य है, तो पीठ ने कहा, ‘‘तो फिर आप यहां क्यों हैं? संगठन को आने दीजिए।’’

जब वकील ने कहा कि संगठन का अस्तित्व ही नहीं है, तो पीठ ने पूछा, ‘‘तो फिर इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ता है?’’

वकील ने कहा कि इस मामले में अभी कुछ कानूनी मुद्दे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार इस तथ्य को स्वीकार नहीं करती कि सिमी अब निष्क्रिय हो चुकी है।

हालांकि, पीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

न्यायाधिकरण ने सिमी पर लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ाए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि संगठन ने इस्लाम के लिए ‘जेहाद’ के अपने उद्देश्य को नहीं छोड़ा है और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना के लिए काम करना जारी रखा है।

सिमी पर प्रतिबंध बढ़ाते हुए, सरकार ने कहा कि यह समूह देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और शांति एवं सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल था।

भाषा वैभव दिलीप

दिलीप

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