नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) एशियाई चैंपियन और राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक 100 मीटर बाधा दौड़ की एथलीट ज्योति याराजी के घुटने की सर्जरी सफल रही है। इस सर्जरी के कारण वह सितंबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो जाएंगी और साथ ही मौजूदा सत्र का उनके लिए अंत हो जाएगा।
पच्चीस साल की याराजी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर बताया कि शुक्रवार को उनके दाहिने घुटने के एसीएल (एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट) की सर्जरी हुई। यह सर्जरी जाने-माने सर्जन डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने की।
याराजी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘सभी को नमस्कार, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस शुक्रवार को डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने मेरे दाहिने घुटने के एसीएल की सर्जरी की जो सफल रही। पिछले कुछ हफ्ते मेरे लिए मुश्किल रहे हैं क्योंकि इस चोट ने मुझे वह सब करने से रोक दिया है जो मुझे सबसे अधिक पसंद है।’’
एसीएल की सर्जरी से उबरने में आमतौर पर कम से कम छह महीने लगते हैं। इसका मतलब है कि याराजी तोक्यो विश्व चैंपियनशिप (13-21 सितंबर) से बाहर हो जाएंगी और अगले साल ही वापसी कर पाएंगी।
अपने करियर में चोटों से परेशान रही इस एथलीट ने कहा, ‘‘हालांकि, अपने परिवार, दोस्तों, टॉप्स की टीमों, साइ, महासंघ और कोच जेम्स हिलियर और आप सभी के सहयोग से मैं इसे सहजता से ले रही हूं और जल्द ही वापसी की उम्मीद कर रही हूं। मेरे एक मजबूत रूप की यात्रा अब शुरू होती है और मैं जल्द ही वापसी करने के लिए अपना शत प्रतिशत और उससे भी अधिक देने वाली हूं।’’
एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता याराजी ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा की थी कि प्रशिक्षण के दौरान उन्हें घुटने में चोट लग गई थी। उनके कोच जेम्स हिलियर ने पीटीआई को बताया था कि चोट ‘काफी गंभीर’ थी।
चोट लगने से पहले याराजी के विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने की अच्छी संभावना थी। हालांकि उन्होंने 12.73 सेकेंड के सीधे क्वालीफिकेशन समय को हासिल नहीं किया था।
मई में एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान उनके 12.96 सेकेंड के प्रयास ने उन्हें उन एथलीटों में शामिल कर दिया था जो विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से विश्व चैंपियनशिप में जगह बना सकते हैं।
एथलीट विश्व चैंपियनशिप के लिए दो तरीकों से क्वालीफाई कर सकते हैं – क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करके सीधे प्रवेश या विश्व रैंकिंग कोटा के माध्यम से। क्वालीफिकेशन की समय-सीमा 24 अगस्त तक है।
याराजी ने 2024 पेरिस ओलंपिक के बाद फिनलैंड में ट्रेनिंग के दौरान कूल्हे में चोट लगने के बाद मौजूदा सत्र में वापसी की थी।
उन्होंने 2025 सत्र की शुरुआत में अपनी तकनीक में बदलाव किया। उन्होंने सात कदम की दौड़ को आठ कदम वाली दौड़ में बदला क्योंकि उनका मानना है कि इससे चोट लगने का खतरा कम होगा।
याराजी ने फरवरी में उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों में 100 मीटर बाधा दौड़ और 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता, फेडरेशन कप में 100 मीटर बाधा दौड़ में शीर्ष स्थान हासिल किया और फिर एशियाई चैंपियनशिप में अपना खिताब बरकरार रखा। उन्होंने अपना पिछला खिताब सात जून को ताइवान एथलेटिक्स ओपन में जीता था।
भाषा सुधीर आनन्द
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