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Tuesday, July 15, 2025

सावन तथा त्योहारी मौसम की मांग से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

Newsसावन तथा त्योहारी मौसम की मांग से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) सावन के मौसम के साथ-साथ त्योहारी मांग बढ़ने के बीच घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को अधिकांश तेल-तिलहनों के दाम में सुधार आया तथा सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल के दाम शनिवार के मुकाबले पर्याप्त सुधार के साथ बंद हुए। सुस्त एवं धीमे कारोबार के बीच सोयाबीन तिलहन तथा मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित बने रहे।

शिकॉगो एवं मलेशिया एक्सचेंज में सुधार चल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि कच्ची घानी के बड़ी तेल मिलों की मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार है। इसके अलावा सावन के साथ-साथ आगामी माह शुरू होने वाले त्योहारों के मद्देनजर मांग बढ़ने से सरसों तेल-तिलहन के दाम में मजबूती दिखी।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन तेल, सीपीओ, पामोलीन और बिनौला तेल में भी शनिवार के बंद भाव के मुकाबले सुधार है पर इसे सुधार कहना सही नहीं होगा। दरअसल, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से सोयाबीन और मूंगफली का हाजिर दाम लगभग 15 प्रतिशत और सूरजमुखी का दाम लगभग 20 प्रतिशत नीचे है। इस जमीन छू रहे दाम में मामूली घट-बढ़ को सुधार या गिरावट नहीं बोला जा सकता।

सूत्रों ने कहा कि केवल सरसों के दाम में आये सुधार को सुधार कहा जा सकता है क्योंकि सरसों के दाम एमएसपी से मजबूत चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार को सरसों की बिक्री के मामले में सावधानी बरतनी होगी क्योंकि इसकी फसल आने में काफी समय है और बीच में कई त्योहार, पर्व की मांग भी होगी। ऐसे में सरकार को बिक्री करने के मामले में उन तेल मिलों को तरजीह देनी होगी जो पेराई के बाद सीधा उपभोक्ताओं को बेचने के लिए बाजार में माल उतारे। व्यापारियों और स्टॉकिस्टों की बिक्री करने की स्थिति में सरसों को स्टॉक किये जाने का खतरा हो सकता है।

सुस्त कारोबार में सोयाबीन तिलहन और मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे। इन दोनों फसलों की आगामी खरीफ फसल दो-ढाई महीने में बाजार में आ जायेगी और पहले का स्टॉक भी नहीं खपा है। इन फसलों के हाजिर बाजार के दाम जमीन सूंघ रहे हैं। इस बार सोयाबीन खेती का रकबा भी कम रहने की आशंका जताई जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति का सामना तभी किया जा सकता है जब देशी तेल-तिलहनों के अनुकूल नीतियां बनाई जायें ताकि इनका बाजार विकसित हो सके।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,125-7,175 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,800-6,175 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 13,850 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,260-2,560 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,660-2,760 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,660-2,795 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,950 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,975 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,750 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,350-4,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,050-4,150 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

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