नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कहा कि भारत ने बिजली उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत हरित ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करने का लक्ष्य पांच साल पहले ही हासिल कर लिया है। भारत ने 2030 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा था।
उन्होंने कहा कि कुल 484.8 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) स्थापित क्षमता में से 242.8 गीगावाट गैर-जीवाश्म यानी स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से हासिल किया गया है।
यह देश में स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की प्रतिबद्धता को देखते हुए महत्वपूर्ण है।
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
जोशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, एक प्रमुख जलवायु प्रतिबद्धता पूरी हुई है। भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता अब 484.8 गीगावाट है, जिसमें 242.8 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन (स्वच्छ ईंधन) स्रोतों से आ रही है। यह हमारी हरित प्रगति का एक शक्तिशाली प्रमाण है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल मील का पत्थर नहीं है बल्कि यह 2047 तक एक हरित, स्वच्छ भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।’’
जोशी ने लिखा, ‘‘भारत के लिए ऐतिहासिक हरित छलांग! भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता का 50 प्रतिशत हासिल कर लिया है। अपने 2030 के लक्ष्य से पांच साल पहले।’’
उन्होंने कहा कि 2030 के लक्ष्य से पांच साल पहले 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।
मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश में हरित बदलाव को गति मिल रही है और एक आत्मनिर्भर और टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
भाषा रमण अजय
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