नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में इमारत ढहने की घटना के बाद, दिल्ली पुलिस जल्द ही नगर निगम के अधिकारियों से असुरक्षित इमारतों की विस्तृत सूची मांगेगी। इस घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी।
यह कदम निवासियों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के बीच उठाया गया है, खासकर मानसून के मौसम में इमारतों के ढहने की घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि असुरक्षित या रहने के लिए अनुपयुक्त मानी जाने वाली इमारतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के साथ समन्वय शुरू किया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘यह डेटा पुलिस को शहर भर में संवेदनशील संरचनाओं पर कड़ी नजर रखने और आपात स्थिति में तेजी से कार्रवाई करने में मदद करेगा।’
पुलिस औपचारिक रूप से एमसीडी को पत्र लिखकर जर्जर या खतरनाक इमारतों की विस्तृत सूची मांगेगी। इस सूची के आधार पर, जिला-स्तरीय पुलिस दल इन इमारतों की निगरानी करेंगे और आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करेंगे।
यह पहल रविवार को वेलकम क्षेत्र में एक चार मंजिला इमारत के ढहने की घटना के बाद शुरू की गई है, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित सात लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
एमसीडी संरचनात्मक स्थिरता की खातिर भवनों के प्रमाणन के लिए जिम्मेदार है। निगम नियमित रूप से उन संपत्ति मालिकों को नोटिस जारी करता है जिनके परिसर निरीक्षण के बाद असुरक्षित पाए जाते हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि, वैकल्पिक आवास के अभाव या लापरवाही के कारण ऐसी कई इमारतों में लोग अब भी रह रहे हैं। बरसात के मौसम में, इनके ढहने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि पानी के रिसाव से नींव कमजोर हो जाती है, खासकर पुराने या अनधिकृत निर्माणों में।’
अधिकारी ने कहा, ‘आने वाले दिनों में, पुलिस के जवान अपने-अपने इलाकों का सर्वेक्षण करेंगे और स्पष्ट रूप से क्षतिग्रस्त या जर्जर संरचनाओं का पता लगाएंगे। आसन्न खतरे की स्थिति में, पुलिस आपदा प्रतिक्रिया टीमों और एमसीडी के साथ समन्वय करेगी।’
भाषा नोमान माधव अविनाश
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