नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने सोमवार को कहा कि तीन साल के भीतर लगभग छह लाख गांव तीव्र गति वाले ऑप्टिकल फाइबर-आधारित ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।
मित्तल ने यहां ‘सीआईआई-जीसीसी व्यवसाय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) फिलहाल देश के कुछ शीर्ष शहरों में ही केंद्रित हैं लेकिन व्यापक कनेक्टिविटी से उनका विस्तार दूसरी एवं तीसरी श्रेणी के शहरों तक करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘तीन साल के भीतर देश की सभी ग्राम पंचायतें, जिनकी संख्या लगभग 2.5 लाख है, और उनसे जुड़े गांव, जिनकी संख्या लगभग छह लाख है, तीव्र गति वाले फाइबर नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।’’
सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत और सभी गांवों को ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) नेटवर्क से जोड़ने के लिए 1.39 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ भारतनेट चरण-3 की शुरुआत की है।
यह परियोजना मोबाइल टावर को ओएफसी से भी जोड़ेगी जिससे नेटवर्क की गति बढ़ेगी, क्योंकि देश भविष्य में अत्यधिक तेज रफ्तार वाली 6जी सेवाएं लाने की योजना बना रहा है।
मित्तल ने कहा कि भारत में डेटा की लागत वैश्विक औसत 2.6 डॉलर की तुलना में लगभग नौ सेंट प्रति जीबी है, जो किसी भी जीसीसी के लिए बेहद अहम कारक है।
दूरसंचार सचिव ने कहा कि भारत की औसत ब्रॉडबैंड गति लगभग 138 एमबीपीएस है। सरकार ने हाल ही में देश भर में वाई-फ़ाई के प्रसार को बढ़ावा देने के लिए कुछ स्पेक्ट्रम को मुक्त किया है।
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