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Tuesday, July 15, 2025

राकांपा (सपा) नेता जयंत पाटिल ने पाला बदलने की खबरों को निराधार बताया

Newsराकांपा (सपा) नेता जयंत पाटिल ने पाला बदलने की खबरों को निराधार बताया

मुंबई, 15 जुलाई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अपने पद छोड़ने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने न तो सत्तारूढ़ दल के किसी नेता से मुलाकात की है और न ही महायुति के किसी घटक दल के नेता ने उनसे संपर्क किया है।

पूर्व राज्य मंत्री ने पाला बदलने के बारे में मीडिया में आयी खबरों को निराधार बताया।

मीडिया में आई खबरों में यह भी दावा किया गया है कि पाटिल ने राकांपा (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और उनके पार्टी सहयोगी एवं विधान परिषद सदस्य शशिकांत शिंदे उनकी जगह लेंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) ने मंगलवार को अपनी आमसभा की बैठक बुलाई है।

राकांपा (एसपी) नेता ने सोमवार को विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने भाजपा के किसी नेता से संपर्क नहीं किया है और न ही किसी ने मुझसे भाजपा में शामिल होने की पेशकश की है। मैं एक पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं और ऐसी खबरों से हैरान हूं।’’

राजनीति में उनके आगे कदमों को लेकर लगाई जा रही अटकलों को ज्यादा अहमियत न देते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘अगर कोई किसी दूसरी पार्टी के नेता से मिलता भी है, तो तरह-तरह की अटकलें लगने लगती हैं। मैंने ऐसी खबरों का कई बार खंडन किया है, लेकिन ये बार-बार सामने आती रहती हैं। मुझे कितनी बार इनका खंडन करना पड़ेगा? ये खबरें बार-बार आती हैं और कभी सच नहीं होतीं।’’

सांगली जिले के इस्लामपुर से आठ बार विधायक रहे पाटिल ने विधानसभा में एक चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना के व्यापक कार्यान्वयन पर जोर दिया है।

विपक्षी विधायक ने सदन में कहा कि यह (डीबीटी) राज्य सरकार की कुछ योजनाओं से बेहतर है, जहां जरूरतमंद परिवारों को बर्तन दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कई परिवारों को घटिया सामग्री मिलती है।

मोदी सरकार की प्रमुख पहल ‘डीबीटी’ योजना की प्रशंसा के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर, राकांपा (एसपी) नेता ने कहा कि किसी सरकार की कुछ योजनाओं को पसंद या नापसंद करने का मतलब यह नहीं है कि कोई दल बदल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अलग बात है कि मुझे उनकी कुछ योजनाएं पसंद हैं और कुछ नापसंद। लेकिन भाजपा ने मुझसे इस तरह के किसी पेशकश (दल बदलने) के बारे में कभी बात नहीं की। अगर मैं आधिकारिक काम से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (भाजपा नेता) से मिलता हूं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैं पार्टी में शामिल हो रहा हूं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह ऐसी खबरें प्रकाशित करने वाले मीडिया संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, पाटिल ने कहा, ‘‘ये मीडिया संस्थान मेरे बारे में सकारात्मक खबरें भी प्रकाशित करते हैं। मैं उनके साथ अनावश्यक कड़वाहट पैदा नहीं करना चाहता। अगर 10 विधायकों वाली पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को इतना प्रचार मिल रहा है, तो मुझे शायद उनका आभारी होना चाहिए।’’

पुणे में 10 जून को राकांपा के 26वें स्थापना दिवस समारोह में पाटिल ने पार्टी प्रमुख शरद पवार की उपस्थिति में अपने पद से इस्तीफा देने और किसी युवा चेहरे को मौका देने का संकेत दिया था।

शरद पवार के सबसे वफादार पाटिल 1999 में रांकापा के गठन के बाद से ही उनके साथ हैं। वर्ष 2023 में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बगावत करने और भाजपा-शिवसेना सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बाद भी उन्होंने शरद पवार का साथ दिया।

भाषा खारी गोला

गोला

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