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Wednesday, July 16, 2025

कर्नाटक महिला आयोग ने धर्मस्थल में कथित अपराधों की जांच के लिए की एसआईटी के गठन की मांग

Newsकर्नाटक महिला आयोग ने धर्मस्थल में कथित अपराधों की जांच के लिए की एसआईटी के गठन की मांग

बेंगलुरु, 15 जुलाई (भाषा) कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से धर्मस्थल क्षेत्र में पिछले दो दशकों के दौरान हुई गुमशुदगी, अप्राकृतिक मौतों और यौन उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आग्रह किया है।

दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित धर्मस्थल एक प्रमुख तीर्थस्थल है और भगवान मंजूनाथ यहां के प्रमुख देवता हैं।

चौधरी ने मीडिया में हाल में आई खबरों और एक अदालत में दिए गए उस बयान का हवाला दिया है जिसमें एक व्यक्ति ने दावा किया था कि सैकड़ों शव धर्मस्थल क्षेत्र में दफनाए गए हैं।

कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि इसकी तत्काल और निष्पक्ष जांच आवश्यक है।

सोमवार को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में चौधरी ने कहा, ‘आयोग ने 12 जुलाई, 2025 को कुछ मीडिया चैनलों द्वारा प्रसारित उन खबरों को गंभीरता से लिया है, जिनमें एक मानव खोपड़ी मिलने का दावा भी शामिल है। एक लापता मेडिकल छात्रा के परिवार ने भी चिंता जताई है। ये खुलासे महिलाओं और छात्रों से जुड़े सुनियोजित शोषण, हत्या, दुष्कर्म और रहस्यमयी मौतों की आशंका की ओर संकेत करते हैं।’

अध्यक्ष ने आगे आरोप लगाया कि अतीत में कई परिवारों ने गुमशुदा लोगों के संबंध में पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन उनमें से अधिकतर को अधिकारियों की ओर से उदासीनता या अपर्याप्त प्रतिक्रिया मिली।

उन्होंने कहा, ‘ऐसे आरोप हैं कि जब परिवारों ने महिलाओं की गुमशुदगी या अप्राकृतिक मौतों के बारे में शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया तो पुलिस कर्मियों ने उचित कार्रवाई नहीं की।’

चौधरी ने कहा कि इन गंभीर आरोपों और वर्षों से अनसुलझे मामलों को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय विशेष जांच दल गठित किया जाना चाहिए।

चौधरी ने कहा, ‘हम पिछले 20 वर्षों में धर्मस्थल क्षेत्र में लापता महिलाओं और छात्रों, अप्राकृतिक मौतों या हत्याओं तथा यौन उत्पीड़न की घटनाओं के सभी मामलों की गहन और निष्पक्ष जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय एसआईटी के गठन का अनुरोध करते हैं।’

राज्य सरकार ने अभी तक आयोग की अपील पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

भाषा योगेश नरेश मनीषा

मनीषा

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