यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब को “रूस का पर्ल हार्बर” कहा जा रहा है. जाहिर तौर पर यह लड़ाई अब रूस और युक्रेन जंग तक नहीं रही. इस्तांबुल में शांति वार्ता का अगला दौर शुरू होने से पहले यूक्रेन ने रूस के 41 स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स तबाह करके पुतिन ही नहीं, ट्रंप को भी झटका दिया है. क्योंकि पुतिन के नजरिए से देखे तो उन्हें शांति वार्ता से कुछ नहीं मिलेगा. उनके लिए जीत से कम कुछ भी लाभदायक नहीं है. जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों शांतिदूत की भूमिका में हैं. वह दुनियाभर में शांति का पैगाम ले जाकर खुद को वैश्विक राजनीति का मसीहा कहलाना चाहते हैं. ड्रेमोक्रेट्स से अलग उनकी राजनीति का यह अनोखा तरीका है. इस बीच यूरोप चाहता है कि जीत यूक्रेन की हो, वह जानता है कि रूस की जीत यूरोप में उनके विस्तारवाद के मंसूबों को बढ़ाएगी.
यह युद्ध अब यूक्रेन बनाम रूस नहीं?
कुछ का मानना है कि यह संघर्ष अब केवल यूक्रेन और रूस के बीच का युद्ध नहीं रह गया है, बल्कि यह नाटो और रूस के बीच एक बड़े टकराव का रूप ले चुका है. यूक्रेन की तकनीकी और रणनीतिक क्षमताओं को देखते हुए, यह ऑपरेशन वैश्विक सैन्य रणनीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक दे रहा है. यूक्रेन के इस ऑपरेशन के पीछे डेढ़ साल से अधिक समय तक प्लानिंग की है.
लॉजिस्टिक्स उपलब्धि भी है यह ऑपरेशन
यह एक तरह की लॉजिस्टिक्स उपलब्धि भी है. क्योंकि यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (SBU) ने FPV ड्रोन को रूस में तस्करी के जरिए भेजा. ड्रोन लकड़ी के केबिन और ट्रकों में छिपाकर ले जाए गए. सही समय पर ये ड्रोन रूस के भीतर घुसे और रणनीतिक बमवर्षकों पर हमला किया. ऑपरेशन में शामिल सभी जासूस सैन्यकर्मी (Operatives) हमले से पहले ही सुरक्षित रूप से यूक्रेन लौट चुके थे. जाहिर तौर पर पुतिन चुप बैठने वालों में से नहीं है. अब IBCM जैसी मिसाइलों के जरिए न्यूक्लियर अटैक की आशंकाओं पर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
क्या है इस ऑपरेशन के मायने?
इस समय रूसी सैन्य क्षमताओं पर हमलों के परिणामों का अनुमान लगाना मुश्किल है. हर दिन यूक्रेनी जमीन पर हो रहे रूसी हमलों के बाद यूक्रेन का एयर डिफेंस सिस्टम काफी कमजोर हो चुका था. ऐस में ड्रोन ऑपरेशन से यूक्रेन को बढ़त मिली है. रूसी सेना पर रिपोर्ट करने वाले कई टेलीग्राम अकाउंट इसे “बहुत भारी झटका” बता रहे हैं और साथ ही रूसी खुफिया एजेंसी की खामियों को भी उजागर किया गया है. दूसरी तरफ सैन्य मोर्चे पर असफलताओं का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए प्रतीकात्मक तौर पर ही सही, लेकिन काफी अहम बढ़त है.
– कुमार