नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद सागरिका घोष, सुखेंदु शेखर रॉय और साकेत गोखले ने बांग्ला-भाषी बहुल बस्ती की बिजली काटे जाने के विरोध में दिल्ली स्थित जय हिंद कैंप में मंगलवार को भी अपना धरना जारी रखा।
आज सुबह उनके साथ पार्टी नेता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन भी शामिल हुए।
घोष, रॉय और गोखले के अलावा पार्टी की सांसद डोला सेन भी धरने पर बैठीं। यह विरोध प्रदर्शन अपराह्न तीन बजे शुरू हुआ था। स्थानीय लोग भी सांसदों के साथ इस धरने में शामिल हुए।
अतिक्रमण के मामले में एक अदालत द्वारा आठ जुलाई को दिए गए आदेश के अनुपालन में कैंप की बिजली काट दी गई थी।
घोष ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कुछ स्थानीय लोगों का एक वीडियो पोस्ट साझा किया, जिसमें वे लोग बिजली काटे जाने का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं।
चालक के रूप में काम करने वाले एक निवासी नायब हुसैन ने कहा कि उनके पास आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान प्रमाण हैं।
वह वीडियो में कह रहे हैं, ‘‘ये पहचान पत्र भारत सरकार ने दिए हैं। हम भारतीय हैं… हमारे पास सबूत हैं, हमारा इस तरह अपमान क्यों किया जा रहा है? हमें भी बाकियों की तरह सम्मान दिया जाना चाहिए।’’
घोष ने पोस्ट में कहा, ‘‘कूच बिहार की रूमा एक बंगाली है जिसे ‘बांग्लादेशी’ बताकर दिल्ली पुलिस ने कैद कर लिया था और अंततः रिहा होने से पहले उसे अपने दादा की जमीन के रिकॉर्ड दिखाने पड़े थे।’’
तृणमूल के सांसदों ने भी रविवार को इलाके का दौरा किया था और स्थानीय लोगों को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से मदद का आश्वासन दिया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी इस मुद्दे पर आज कोलकाता में मार्च निकालने वाले हैं।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि बांग्लाभाषी होने के कारण उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने कुछ महीने पहले एक सत्यापन अभियान चलाया था, जिसमें इलाके में उन्हें एक भी ‘‘बांग्लादेशी या रोहिंग्या’’ नहीं मिला।
यह अनौपचारिक बस्ती पॉश इलाके वसंत कुंज और शहरी गांव मसूदपुर के बीच स्थित है, जहां रहने वाले लगभग 5,000 निवासियों में से अधिकांश का दावा है कि वे पश्चिम बंगाल के कूचबिहार से हैं।
भाषा प्रीति सुरेश
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