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Wednesday, July 16, 2025

शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान से जुड़ी प्रमुख बातें

Newsशुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान से जुड़ी प्रमुख बातें

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) चार दशकों के बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान में भारत की वापसी कराने वाले ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर गए चारों अंतरिक्ष यात्री मंगलवार को धरती पर सुरक्षित वापस लौट आए।

आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18-दिवसीय मिशन के दौरान सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण संबंधी अनेक प्रयोग किए।

मिशन की घोषणा से लेकर वापसी तक के महत्वपूर्ण क्षणों की समय-सीमा इस प्रकार है :

– भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुक्ला की भागीदारी वाले एक्सिओम-4 मिशन की घोषणा 2024 के अंत में इसरो और नासा द्वारा समर्थित एक सहयोगी वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान के रूप में की गई थी।

– मूल रूप से 2025 के शुरू में प्रक्षेपण के लिए निर्धारित इस मिशन को कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र में तकनीकी जांच और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण कई बार स्थगित करना पड़ा।

– कई बार विलंब के बाद, मिशन को 25 जून, 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।

– चालक दल 26 जून 2025 को आईएसएस पर पहुंच गया तथा स्टेशन पर 18 दिन का प्रवास शुरू किया।

– मिशन के दौरान, शुक्ला ने सात भारतीय-डिज़ाइन वाले सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोगों का संचालन किया, जिनमें मूंग और मेथी के बीजों का अंकुरण, स्टेम सेल अनुसंधान और सूक्ष्म शैवाल अध्ययन शामिल थे।

– आईएसएस पर उन्होंने शून्य-गुरुत्वाकर्षण में जल के बुलबुले का प्रदर्शन किया और ‘स्क्रीन इंटरैक्शन’ से जुड़े संज्ञानात्मक भार प्रयोगों में भाग लिया।

– उन्होंने सपंर्क प्रयासों के तहत रेडियो और वीडियो लिंक के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, छात्रों और इसरो वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।

– 13 जुलाई को ‘एक्सपीडिशन 73’ के चालक दल के सदस्यों के साथ विदाई समारोह आयोजित किया गया, जहां शुक्ला ने इसरो और अपने सहयोगियों को धन्यवाद दिया।

– ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान निर्धारित गतिविधियों और प्रयोगों को पूरा करने के बाद 14 जुलाई, 2025 को आईएसएस से अलग हुआ।

– शुक्ला और चालक दल के अन्य तीन सदस्य 15 जुलाई, 2025 को कैलिफोर्निया में समुद्र में सुरक्षित रूप से उतर गए, जिससे आईएसएस पर भारत का पहला विस्तारित अनुसंधान मिशन पूरा हो गया।

भाषा नेत्रपाल मनीषा

मनीषा

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