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गुवाहाटी, 15 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य के मूल समुदाय के लोग ‘‘एक धर्म’’ के लोगों से ‘‘खतरे’’ का सामना कर रहे हैं, जो कथित तौर पर उन क्षेत्रों की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए विभिन्न हिस्सों में भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के बेदखली अभियान के जरिए 2021 से अब तक 1.19 लाख बीघा से अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। उन्होंने इसे असमिया-बहुल इलाकों में प्रवासियों द्वारा राजनीतिक रूप से पांव जमाने की इस कथित कोशिश को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
मुख्यमंत्री ने यह नहीं बताया कि यह कथित कोशिश कौन कर रहा था, लेकिन बेदखल किए गए अधिकतर लोग बांग्ला भाषी मुसलमान हैं।
शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बेदखली अभियान के दौरान यह पाया गया है कि अतिक्रमणकारी अधिकतर वे लोग हैं जिनकी अपने मूल जिलों में जमीन है, फिर भी वे राज्य के दूर-दराज के इलाकों में अवैध रूप से बसने के लिए चले जाते हैं।
उन्होंने दावा किया, ‘‘वन विनाश एक समस्या है। ये लोग उस जगह की जनसांख्यिकी बदलने के लिए पलायन करते हैं।’’
शर्मा ने कहा कि जैसे ही ये लोग राज्य के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में बसते हैं, वे नए इलाके में मतदाता के रूप में अपना नाम दर्ज कराते हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जब उनकी संख्या हजारों में हो जाती है, तो वे एक बड़ा वोट बैंक बन जाते हैं और राजनीतिक दलों के नेता जंगल या सरकारी जमीन पर उनके शुरुआती अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते।
उन्होंने बिना कोई विस्तृत जानकारी दिए कहा, ‘‘ये सभी लोग एक ही धर्म के हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह सिर्फ जमीन जिहाद नहीं है, बल्कि असमिया लोगों को खत्म करने के लिए जिहाद है… निचले और मध्य असम में जनसांख्यिकीय अतिक्रमण के बाद अब यह ऊपरी असम में हो रहा है।’’
शर्मा ने आरोप लगाया कि इन अतिक्रमणकारियों को कांग्रेस का संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम देखते हैं कि किसी जगह कांग्रेस को मिले वोट अचानक बढ़ जाते हैं। अगर हम संख्या में इस वृद्धि की गणना करें तो यह वहां हुए जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बराबर होगा।’’
शर्मा ने कहा कि स्थानीय मतदाता सूची से बेदखल होने के बाद अतिक्रमणकारियों के नाम हटाना जिला आयुक्त का काम है क्योंकि उनके नाम राज्य के भीतर उनके मूल जिलों में पहले से ही मौजूद हैं।
शर्मा ने कहा कि मई 2021 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 1,19,548 बीघा (160 वर्ग किलोमीटर) भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें से 84,743 बीघा वन भूमि और 26,713 बीघा ‘खास’ या सामान्य सरकारी भूमि है, साथ ही अन्य श्रेणियों की भूमि भी अतिक्रमण मुक्त कराई गई है।
भाषा सुरभि माधव
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