नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय मध्य प्रदेश के कुछ केंद्रों पर बिजली कटौती के पीड़ित अभ्यर्थियों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2025 दोबारा कराने का निर्देश देने से इनकार करने संबंधी आदेश के खिलाफ याचिका पर बुधवार को सुनवाई के लिए सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ अगले सप्ताह याचिका पर सुनवाई करेगी। वकील ने इस आधार पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था कि काउंसलिंग 21 जुलाई से शुरू होनी है।
पीठ ने इस बात पर गौर किया कि काउंसलिंग कई चरणों में होगी और यदि छात्र मामले में सफल होते हैं तो वे इसमें शामिल हो सकते हैं।
याचिकाकर्ता वे अभ्यर्थी हैं जो परीक्षा में शामिल हुए थे और उन्हें मध्य प्रदेश के कुछ केंद्रों में बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था। उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है जिसमें पुनः परीक्षा कराने से इनकार कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को राज्य के इंदौर और उज्जैन के कुछ केंद्रों पर बिजली कटौती से प्रभावित उम्मीदवारों के लिए नीट-यूजी-2025 की पुनः परीक्षा आयोजित कराने का निर्देश दिया।
हालांकि, उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की याचिका पर एकल न्यायाधीश के आदेश को खारिज कर दिया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होने के प्रति आगाह किया था।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एक विशेषज्ञ पैनल की उस रिपोर्ट पर गौर किया था जिसमें कहा गया था कि यद्यपि कुछ केंद्रों पर बिजली गुल थी फिर भी वहां प्राकृतिक रोशनी थी जिसमें अभ्यर्थी परीक्षा दे सकते थे।
भाषा शोभना नरेश
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