नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद के लिए नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने से अगले तीन वित्त वर्ष में ताप विद्युत क्षेत्र में 2.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है।
क्रिसिल रेटिंग्स ने बुधवार एक रिपोर्ट में कहा कि 2024-25 तक तीन वित्त वर्ष में ताप विद्युत क्षेत्र में पूंजीगत व्यय 1.1 लाख करोड़ रुपये रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया ‘‘ 2027-28 तक तीन वित्त वर्षों में ताप विद्युत उत्पादन क्षमता स्थापित करने के लिए निवेश पिछले तीन वित्त वर्ष की तुलना में दोगुना होकर 2.3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा क्योंकि देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद के लिए इस क्षेत्र पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।’’
सरकार ने वित्त वर्ष 2031-32 तक कम से कम 80 गीगावाट ताप विद्युत क्षमता वृद्धि का लक्ष्य रखा है।
क्रिसिल रेटिंग्स के उप मुख्य रेटिंग अधिकारी मनीष गुप्ता ने कहा, ‘‘ वित्त वर्ष 2027-28 तक बिजली की मांग सालाना 5.5 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 2,000 अरब यूनिट तक पहुंचने का अनुमान है। करीब 70 प्रतिशत बढ़ी हुई मांग नवीकरणीय स्रोतों से पूरी की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि, नवीकरणीय ऊर्जा के अस्थायी होने के कारण सौर ऊर्जा केवल दिन के समय उपलब्ध होती है, जबकि पवन ऊर्जा मई से सितंबर तक केंद्रित होती है।
भाषा निहारिका अजय
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