नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स ने बुधवार को कहा कि उसने 13 और भारतीय बैंकों को जोड़कर भारत और सिंगापुर के बीच वास्तविक समय पर भुगतान के लिए यूपीआई-पेनाउ व्यवस्था को बेहतर बनाया है।
भारत में पैसा भेजने के नेटवर्क में अब 19 बैंक शामिल हैं।
एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लि. (एनआईपीएल) ने बयान में कहा, ‘‘इसके साथ दोनों देशों के उपयोगकर्ता व्यापक आधार पर धन प्रेषण कर सकेंगे। इससे यह सेवा अधिक सुलभ और सुविधाजनक हो जाएगी।’’ नई व्यवस्था 17 जुलाई, 2025 से प्रभावी हो जाएगी।
एनआईपीएल, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की अंतरराष्ट्रीय इकाई है।
यूपीआई-पेनाउ सेवा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) के बीच एक संयुक्त पहल के रूप में शुरू की गई है।
ये 19 बैंक हैं… बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, फेडरल बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, इंडसइंड बैंक, करूर वैश्य बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, साउथ इंडियन बैंक, यूको बैंक, एक्सिस बैंक, डीबीएस बैंक इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और भारतीय स्टेट बैंक।
भारत में राशि प्राप्त करने वाले भीम, गूगल पे और फोनपे जैसे अपने पसंदीदा यूपीआई ऐप के साथ ही बैंक ऐप के माध्यम से इन 19 बैंकों में से किसी के भी खाते में सिंगापुर से भेजी गयी राशि प्राप्त कर सकते हैं।
भारत से सिंगापुर केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक और करूर वैश्य बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से पैसे भेजे जा सकते हैं। सिंगापुर में, डीबीएस एसजी और लिक्विड ग्रुप के ग्राहक इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
एनपीसीआई इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितेश शुक्ला ने कहा, ‘‘यूपीआई-पेनाउ व्यवस्था का विस्तार सीमापार भुगतान से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। भारत में अधिक बैंकों तक पहुंच को सक्षम करके, हम वास्तिवक समय पर धन भेजने की व्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ दोनों देशों के बीच बेहतर वित्तीय संपर्क को बढ़ावा दे रहे हैं।’’
भाषा रमण अजय
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