सुलतानपुर लोधी (कपूरथला), 16 जुलाई (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लोगों से भूजल स्तर में गिरावट रोकने और पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने का संकल्प लेने का आह्वान किया है।
मान ने बुधवार को काली बेईं नदी की सफाई की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब को यूं तो नदियों की भूमि के रूप में जाना जाता है, लेकिन राज्य इस समय गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे जल संरक्षण एक बड़ी चुनौती बन गया है।
मान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पदभार ग्रहण करने के बाद से उनकी सरकार ने राज्य भर में 15,947 जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया है, जिससे दूरदराज के गांवों तक भी पानी पहुंच रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला था, तब पंजाब में नहरों के पानी का केवल 21 प्रतिशत ही सिंचाई के लिए इस्तेमाल हो रहा था। लेकिन आज, नहरों के पानी का 63 प्रतिशत सिंचाई के लिए इस्तेमाल हो रहा है।
उन्होंने लोगों से आगे आकर जल एवं पर्यावरण संरक्षण के अभियान को जन आंदोलन में तब्दील करने में राज्य सरकार का सहयोग करने का आग्रह किया।
मान ने इस कार्य में सक्रिय जनभागीदारी और पूर्ण सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया।
बेअदबी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मान ने कहा कि सरकार ने राज्य विधानसभा में पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए पंजाब विधेयक-2025 पेश किया है।
उन्होंने कहा कि यह संवेदनशील और गंभीर मुद्दा सभी पंजाबियों को प्रभावित करता है और वर्तमान तथा भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों और सिद्ध पुरुषों की पवित्र भूमि है जिन्होंने प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता का उपदेश दिया।
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