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Saturday, July 26, 2025

विवाद के बाद बेटे से होटल सौदे से पीछे हटने को कहा : शिवसेना मंत्री शिरसाट

Newsविवाद के बाद बेटे से होटल सौदे से पीछे हटने को कहा : शिवसेना मंत्री शिरसाट

मुंबई, दो जून (भाषा) महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय शिरसाट ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अपने बेटे से राज्य के छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित एक होटल के अधिग्रहण की दौड़ से बाहर होने को कहा है।

शिरसाट ने सौदे में अनियमितता का आरोप लगाने वाले शिवसेना (उबाठा) नेताओं को संपत्ति के लिए बोली लगाने की चुनौती भी दी।

मंत्री ने कहा कि उनके बेटे सिद्धांत और उसके व्यापारिक साझेदारों को मध्य महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में एक प्रमुख स्थान पर स्थित होटल को खरीदने के लिए 67 करोड़ रुपये का भुगतान करना था, लेकिन लेनदेन अभी पूरा नहीं हुआ है।

शिरसाट ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि अधिग्रहण मूल्य की 75 फीसदी राशि वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण के जरिये चुकाई जाएगी।

छत्रपति संभाजीनगर (पश्चिम) से विधायक शिरसाट ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं अपने बेटे से इससे (होटल खरीदने की प्रक्रिया से) पीछे हटने के लिए कह रहा हूं।”

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे ने पिछले हफ्ते करोड़ों के सौदे में अनियमितता का आरोप लगाया था। उन्होंने सौदे में इस्तेमाल की जाने वाली राशि के स्रोत पर भी सवाल उठाए थे।

महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने आरोप लगाया था कि होटल का अधिग्रहण मूल्य कम करके आंका गया था।

शिरसाट ने दानवे के दावे को खारिज करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी थी।

मंत्री ने कहा, “67 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान सफेद मुद्रा में किया जाना था और यह (वित्तीय) रिकॉर्ड में दिखाई देता। उन्होंने (दानवे) कहा कि होटल की वास्तविक कीमत 110 करोड़ रुपये थी। हालांकि, होटल के लिए सात बार निविदाएं जारी की गईं, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसके बाद मेरे बेटे और उसके व्यापारिक साझेदारों ने निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लिया।”

शिरसाट ने दावा किया कि संपत्ति की कीमत अदालत ने निर्धारित की थी।

उन्होंने कहा, “आठवीं बार निविदा जारी करने दें और इन लोगों (शिवसेना उबाठा नेताओं) को इसके (होटल) लिए बोली लगाने दें।”

दानवे ने सोमवार को पलटवार करते हुए कहा कि शिरसाट को अपने बेटे के व्यापारिक साझेदारों के नाम बताने चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि निविदा प्रक्रिया में उनका प्रतिनिधित्व करने वाली कंपनी कब पंजीकृत हुई थी।

दानवे ने आरोप लगाया कि होटल सौदे को अमलीजामा पहनाने के लिए अधिकारी नियमों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं।

भाषा पारुल रंजन

रंजन

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