नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) बीमा नियामक इरडा कीवी जनरल इंश्योरेंस को खुदरा स्वास्थ्य बीमा उत्पाद पेश करने से प्रतिबंधित कर सकता है। इसका कारण साधारण बीमा कंपनी के प्रवर्तक वेस्टब्रिज कैपिटल के पास स्वास्थ्य बीमा कंपनी स्टार हेल्थ एंड अलाइड इंश्योरेंस में भी बहुलांश हिस्सेदारी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मौजूदा नियमों के तहत एक ही प्रवर्तक एक ही तरह का काम करने वाली दो बीमा कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं रख सकता।
बीएसई पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वेस्टब्रिज की कीवी जनरल इंश्योरेंस में लगभग 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वर्तमान में इसकी स्टार हेल्थ एंड अलाइड इंश्योरेंस कंपनी लि. में लगभग 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके साथ अब वह दोनों कंपनियों में प्रभावी रूप से महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है जो खुदरा स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में काम करेंगी।
हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2020 के विलय के बाद भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) से कुछ नियामकीय छूट मिली है।
सूत्रों ने कहा, ‘‘उद्योग में यह पहली बार है कि नियामक को ऐसे परिदृश्य का सामना करना पड़ रहा है। उसे न केवल निजी क्षेत्र के प्रवर्तक के हितों के टकराव को रोकना है, बल्कि पॉलिसीधारकों और अल्पांश खुदरा निवेशकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी है, क्योंकि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस एक सूचीबद्ध कंपनी है।’’
इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए वेस्टब्रिज कैपिटल को भेजे गए ई-मेल का फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि इरडा ने इस सप्ताह की शुरुआत में निदेशक मंडल की अपनी 132वीं बैठक में कीवी जनरल इंश्योरेंस के लिए आर1 लाइसेंस को मंजूरी दी थी।
आर1 वह पहला आवेदन है जिसे किसी कंपनी को भारत में बीमा कंपनी के रूप में पंजीकरण की अनुमति के लिए इरडा के पास जमा करना होता है।
शुरुआती अनुमोदन के बाद, उद्योग में इस बात पर बहस शुरू हो गई है कि क्या नियामक से अंतिम मंजूरी मौजूदा नियामकीय स्थिति को देखते हुए कुछ शर्तों के साथ होगी।
एक बीमा कंपनी के अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के निदेशक मंडल में वेस्टब्रिज के मौजूदा नामित सदस्य कीवी जनरल इंश्योरेंस के बोर्ड में भी शामिल होते हैं, तो इससे कंपनी संचालन संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।’’
एक अन्य उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि इन दोनों कंपनियों में नियंत्रक हिस्सेदारी होने के कारण, विलय की संभावना हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा नहीं होता है, तो एकमात्र विकल्प यह है कि वेस्टब्रिज स्टार हेल्थ में अपनी हिस्सेदारी प्रवर्तक स्तर से कम कर दे। नियामक सीधे दोहराव से बचने के लिए कीवी जनरल इंश्योरेंस को खुदरा स्वास्थ्य उत्पाद बेचने से भी रोक सकता है।’’
एक अन्य कंपनी के अधिकारी ने कहा, ‘‘वेस्टब्रिज के नए बीमा कंपनी लाइसेंस का समय आश्चर्यजनक है, क्योंकि आगामी बीमा कानून (संशोधन) विधेयक में समग्र लाइसेंस की अनुमति मिलने की उम्मीद है। इससे स्टार हेल्थ जैसी कंपनियां एक ही लाइसेंस के तहत साधारण बीमा क्षेत्र में विस्तार कर सकेंगी।’’
उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि यह विधायी सुधार आने वाले महीनों में अपेक्षित है, यह स्पष्ट नहीं है कि वेस्टब्रिज ने स्टार हेल्थ के दायरे का विस्तार करने के बजाय कीवी के माध्यम से नया लाइसेंस क्यों चुना है।
देश में लगभग 34 साधारण बीमा कंपनियां कार्यरत हैं। इनमें से सात स्वतंत्र स्वास्थ्य बीमा कंपनियां हैं, जबकि दो सार्वजनिक क्षेत्र की विशिष्ट साधारण बीमा कंपनियां…भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड और ईसीजीसी लि. हैं।
भाषा रमण अजय
अजय