जयपुर, 17 जुलाई (भाषा) राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में नामांकन और परीक्षा ही एक मात्र ध्येय नहीं होना चाहिए बल्कि वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निरंतर कार्य हो, इसके प्रयास किए जाएं।
बागडे राजभवन में विश्वविद्यालयों के ‘नेक एक्रीडेशन’ और उच्च शिक्षा में गुणवत्ता से सम्बन्धित विशेष समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में यह किया गया है कि जिस कॉलेज में सुविधा नहीं, अच्छे शिक्षक रखने की क्षमता नहीं है तो उसे बंद किया जाता है और यही व्यवस्था सभी स्थानों पर होनी चाहिए।
राज्यपाल ने एक वर्ष पहले राज्य में सभी विश्वविद्यालयों के ‘नेक एक्रीडेशन’ के लिए हुई पहल की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय को सफलता मिली हैं तथा प्रयास करें कि जल्द दूसरे विश्वविद्यालय भी इस सम्बन्ध में निर्धारित औपचारिकताएं पूरी कर आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में पाठ्यपुस्तक के अलावा भी दूसरे विषयों का समसामयिक ज्ञान विद्यार्थियों को दिया जाए।
बागडे ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में विद्यार्थियों को केवल नकल कर पास होने की प्रवृत्ति से हटकर, उनकी बौद्धिक और शारीरिक क्षमताओं के विकास पर ध्यान देना चाहिए और इसके लिए शिक्षकों को विद्यार्थियों को परिवेश की समझ, भारतीय प्राचीन ज्ञान की समृद्ध दृष्टि और आधुनिक विकास से जुड़े संदर्भों की जानकारी से समृद्ध करना होगा।
आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए उच्च शिक्षण संस्थान की शिक्षा विभाग अनुमति दें तो यह देखें कि वहां पढ़ाने की अच्छी व्यवस्था और विद्यार्थियों के लिए बुनियादी सुविधाएं हों।
इससे पहले उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका ने राज्य में विश्वविद्यालय शिक्षा की स्थिति और ‘नेक रैंकिंग’ के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
भाषा पृथ्वी नोमान
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