लखनऊ, 17 जुलाई (भाषा) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि कंपनी विमानों और अन्य प्लेटफार्म से संबंधित सहायक उपकरणों (एक्सेसरीज) के निर्यात पर केंद्रित प्रयासों के माध्यम से अपने राजस्व को बढ़ाने की योजना बना रही है।
अधिकारी ने बुधवार को एचएएल के सहायक उपकरण प्रभाग में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकारी कंपनी द्वारा निर्मित ‘प्लेटफार्म’ और कलपुर्जे अब ‘लगभग 30 देशों’ तक पहुंचते हैं।
उन्होंने कहा कि एचएएल पहले से ही सरकार के साथ मिलकर विमान प्रणालियों में घरेलू क्षमता को मज़बूत करने के लिए काम कर रही है। कंपनी अपने निर्यात क्षेत्र को भी बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र के इस सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) की योजना विमान और डोर्नियर डीओ-228 सहित अन्य संबंधित सहायक उपकरणों के निर्यात के माध्यम से राजस्व बढ़ाने की है।
एचएएल के सहायक उपकरण विभाग में कार्यरत एक अधिकारी ने कहा, ‘यह कॉरपोरेट स्तर पर केंद्रित प्रयासों का एक हिस्सा है।”
अधिकारियों ने बताया कि यह विभाग दस्तावेज़ीकरण, बिक्री के बाद इंजीनियरिंग सहायता और सुधार संबंधी सेवाओं के माध्यम से इस रणनीति का समर्थन करता है।
उन्होंने बताया कि एचएएल की लखनऊ इकाई ने लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल होने वाला ‘मुख्य ईंधन पंप’ विकसित किया है। यह एक महत्वपूर्ण प्रणाली है जो भारतीय वायु सेना के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि यह कलपुर्जा पूरी तरह से स्वदेशी है और लखनऊ खंड में तैयार किया गया है। उन्होंने इसे ‘एचएएल के आत्मनिर्भरता अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि’ बताया।
भाषा अनुराग अजय
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