नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में 15 लाख रुपये की संपत्ति धोखाधड़ी के एक मामले में 2014 से फरार एक ठग को कृष्ण विहार से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली की एक अदालत ने 2015 में धोखाधड़ी के इस मामले में अरुण शर्मा (43) और उसकी पत्नी को भगोड़ा घोषित किया था।
पुलिस ने बताया कि अरुण को हाल ही में गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन उसकी पत्नी अब भी फरार है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2014 में आर्थिक तंगी से जूझ रहे अरुण ने रोहिणी सेक्टर 16 स्थित अपने घर का सौदा शिकायतकर्ता जितेंद्र ढींगरा के साथ 65 लाख रुपये में किया और 15 लाख रुपये अग्रिम भुगतान के रूप में ले लिये।
उन्होंने बताया हालांकि बाद में अरुण ने संपत्ति किसी और को बेच दी और ढींगरा के पैसे लेकर फरार हो गया।
अधिकारी ने बताया कि संपत्ति अरुण की पत्नी के नाम पर पंजीकृत थी और करार भी उन्हीं के नाम पर हुआ था।
उन्होंने बताया, “जब वह पैसे वापस नहीं कर पाया और नहीं बिक्री प्रक्रिया पूरी की तो ढींगरा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अरुण और उसकी पत्नी दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया गया।”
पुलिस के अनुसार, आरोपी का पता लगाने के लिए एक टीम बनाई गई और मालूम हुआ कि अरुण गुजरात के वडोदरा में रहने लगा था, जहां वह लोगों को ठगता रहा।
पुलिस ने बताया कि हाल ही में अरुण दिल्ली लौटा और कृष्ण विहार में किराए के एक मकान में उसके रहने की जानकारी मिली।
पुलिस के मुताबिक, छापेमारी के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान अरुण ने शुरुआत में अपनी पहचान बताने से इनकार किया लेकिन बाद में उसने धोखाधड़ी में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली।
पुलिस के मुताबिक, अरुण पहले करोल बाग में रेडीमेड कपड़ों का व्यापारी था लेकिन कारोबार चौपट होने के बाद वह धोखाधड़ी करने लगा।
भाषा जितेंद्र अविनाश
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