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गुवाहाटी, दो जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को लखीमपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों, खासकर उन जगहों का दौरा किया जो अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी हिस्से में रंगनदी बांध से छोड़े गए पानी से जलमग्न हो गए हैं।
शर्मा ने बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें इस मुद्दे के समाधान के लिए दीर्घकालिक उपायों का आश्वासन दिया।
उन्होंने बांध का रखरखाव करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एनईईपीसीओ के अधिकारियों के साथ भी चर्चा की। स्थानीय निवासियों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शर्मा ने कहा कि अमटोला इलाके में पचनोई नदी का तटबंध टूट गया है, जिससे कई गांवों को भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘हमने स्थिति का विश्लेषण किया है और हमें बताया गया है कि अगर पानी को पास के झरने के माध्यम से मोड़ा जा सकता है, तो लोगों को कुछ तत्काल राहत दी जा सकती है। हम इस पर काम करेंगे और फिलहाल टूटे हुए तटबंध को ठीक करने का काम भी शुरू करेंगे।’
उन्होंने कहा कि तटबंध की स्थायी मरम्मत का काम मानसून के बाद सितंबर से शुरू किया जाएगा।
शर्मा ने प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया और जिला अधिकारियों को इसकी निगरानी करने का निर्देश दिया।
इससे पहले दिन में एनईईपीसीओ के अधिकारियों के साथ बैठक के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम जांच करेंगे और अगर हमें पता चलता है कि किसी की गलती है, तो उन्हें जवाबदेह बनाया जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘यदि एनईईपीसीओ का बांध नहीं होता, तो पानी सीधे नीचे बह जाता। वे बांध में एक निश्चित स्तर तक पानी को सुरक्षित रखते हैं और फिर उसे छोड़ देते हैं। मैंने उनसे कहा कि यदि आप भारी मात्रा में पानी सुरक्षित रखते हैं और उसे एक साथ छोड़ देते हैं, तो यह एक प्रकार का ‘वॉटर बम’ बन जाता है।’
शर्मा ने कहा, ‘हम उनके साथ इस पर अधिक गंभीरता से चर्चा करेंगे और समाधान खोजने का प्रयास करेंगे।’
उन्होंने राज्य के उत्तरी भाग में एनईईपीसीओ बांध के निचले इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में बार-बार बाढ़ आने का जिक्र किया। राज्य के 17 से अधिक जिलों में लगभग चार लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है।
भाषा जोहेब अविनाश
अविनाश