मुंबई, 18 जुलाई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से विधान परिषद के सदस्य अमोल मिटकरी ने शुक्रवार को यहां महाराष्ट्र विधान भवन के प्रवेश द्वार पर धरना दिया और आरोप लगाया कि राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के अंतिम दिन उनके निजी सहायक (पीए) को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
अजित पवार नीत राकांपा के विधायक ने इस घटना को ‘शर्मनाक’ बताते हुए भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि गंभीर आरोपों का सामना करने वालों को पूर्व में विधानमंडल परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई लेकिन उनके निजी सहायक को आधिकारिक दस्तावेज होने के बावजूद रोक दिया गया।
यह घटना राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच विधान भवन के अंदर हुई झड़प के एक दिन बाद हुई।
जब मिटकरी सुबह करीब 9.45 बजे विधानमंडल परिसर पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने उनके निजी सहायक को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी।
बाद में पत्रकारों से बातचीत में मिटकरी ने कहा कि उनके निजी सहायक को अचानक भवन में प्रवेश करने से रोक दिया गया और कहा गया कि उनके पास हरे रंग का प्रवेश पास नहीं है। वह विधान परिषद से संबंधित चर्चाओं में मदद करने के लिए प्रतिदिन उनके साथ रहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है कि सत्तारूढ़ दल का विधायक होने के बावजूद मुझे अपने सहायक को विधान भवन में प्रवेश दिलाने के लिए धरना देना पड़ रहा है। अगर मुझे यह सब झेलना पड़ रहा है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि कल की घटना अनुचित नहीं थी।’
मिटकरी ने दो घंटे से ज़्यादा समय तक धरना दिया और कहा कि वह अपने सहायक के बिना भवन में प्रवेश नहीं करेंगे। हालांकि बाद में मिटकरी ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया और सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए विधान भवन के अंदर चले गए।
भाषा शोभना रंजन
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