मैसूर, 18 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को कहा कि चार जून को बेंगलुरू में हुई भगदड़ की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय आयोग की जांच रिपोर्ट पर अगली कैबिनेट बैठक में चर्चा की जाएगी। इस भगदड़ में 11 लोग मारे गए थे।
मुख्यमंत्री रिपोर्ट के निष्कर्षों को साझा करने के इच्छुक नहीं थे। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को अगली कैबिनेट बैठक से पहले अध्ययन के लिए इसका सार दे दिया गया है।
उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जॉन माइकल कुन्हा की अध्यक्षता वाले आयोग ने 11 जुलाई को सिद्धरमैया को दो खंडों वाली रिपोर्ट सौंपी और इसे बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक के दौरान उनके समक्ष रखा गया।
सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘इस पर अभी तक कैबिनेट में चर्चा नहीं हुई है। कुन्हा समिति की रिपोर्ट कल कैबिनेट को सौंप दी गई। रिपोर्ट का सार सभी मंत्रियों को दे दिया गया है। वे इसका अध्ययन करेंगे और अगली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।’
रिपोर्ट के निष्कर्षों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मीडिया ने कुछ बातें खबरों में कही हैं… मैं अगली कैबिनेट बैठक के बाद इसके बारे में बोलूंगा।’
चार जून को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर यह भगदड़ हुई थी, जहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) टीम की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जीत का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कथित सामूहिक हत्या, बलात्कार और सामूहिक तौर पर दफन किए जाने की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के तत्काल गठन की मांग करने वाले उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी गोपाल गौड़ा सहित कई लोगों की मांग पर एक सवाल का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पुलिस विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कानून के अनुसार मामले में आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘अगर जरूरी हुआ तो एसआईटी का गठन किया जाएगा। यह पुलिस विभाग की रिपोर्ट पर आधारित होगी। वह व्यक्ति (चश्मदीद गवाह, एक पूर्व सफाई कर्मचारी जिसने दावा किया था कि उस इलाके में ‘सैकड़ों शव’ दफनाए गए थे), 10 साल से फरार था, उसने अब पुलिस के सामने बयान दिया है और जो कुछ भी कहना था कह दिया है। उसने कहा है कि उसने ही शवों को दफनाया है और वह उस जगह को दिखाएगा जहां शव दफनाए गए हैं। देखते हैं पुलिस एक-दो दिन में क्या कहती है।’
इस मामले में सरकार पर किसी तरह का दबाव न होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर दबाव डाला भी गया तो हम उसकी परवाह नहीं करेंगे, हम कानून के अनुसार काम करेंगे।’
भाषा
शुभम रंजन
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